scriptपीपीई किट पहनकर शेविंग और कटि‍ंंग, दुकान में आने से पहले स्क्रीनिंग | Shaving and cutting wearing PPE kit In Saloons, Bhatewar | Patrika News

पीपीई किट पहनकर शेविंग और कटि‍ंंग, दुकान में आने से पहले स्क्रीनिंग

locationउदयपुरPublished: Jun 10, 2020 05:51:19 pm

Submitted by:

madhulika singh

अनलॉक 1 : लोगो की सुरक्षा की खातिर सैलून वालें रख रहें विशेष ध्यान, बाकी सभी बेपरवाह

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हेमन्त गगन आमेटा/भटेवर. सरकार द्वारा सैलून खोलने के भले ही आदेश देरी से दिए हो लेकिन ग्राहको की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की खातिर सैलून वालें विशेष ध्यान रख रहें है लेकिन बाकी सभी लोगो में तो कोरोना का डर काफी हद तक समाप्त हो चूका है जाने कोरोना आपदा पूरी तरह से टल गई है। अनलॉक होते ही जिले के ग्रामिण क्षैत्रो मेे लोग बिना मास्क के बिंदास घूमते फिरते नजर आरहे है। पत्रिका टीम द्वारा अनलॉक होने पर पड़ताल की गई तो सामने आया की कोरोना आपदा संक्रमण को लेकर सैलून वालें खासकर ध्यान रख रहें है और अपने ग्राहको को चिकित्सको के मुकाबलें सेवाएं दे रहें है। सरकार द्वारा सैलून खोलने की परमिशन मिलने पर ग्रामिण क्षेत्रो में सेन समाज के लोगों ने सेलून पर काम करना शुरू कर दिया है। सैलून कर्मियों ने दुकानों पर डॉक्टर्स जितनी सावधानी बरतते हुए अपने ग्राहको को हेल्थी सर्विस प्रदान करने में लग गए है। सैलून चलाने वालें मनीष सेन ने बताया की दुकान पर पूरी सावधानी के साथ सैलून वर्क किया जारहा है। सैलून पर आने वाले ग्राहको की सबसे पहले मशीन से स्क्रीनिंग की जाती है और फीट होने पर दूकान में प्रवेश दिया जाता है। इसके बाद ग्राहको का नाम पता और मोबाईल नम्बर एन्ट्री कर रिकॉर्ड रखा जाता है। इसके बाद ग्राहको को शू कवर, हैंड वॉश करवाने के साथ ही क्लाइंट की बॉडी सेनीटाइज करते हैं हर दो घंटे में पूरा सैलून भी सेनीटाइज किया जाता है। शेविंग, कटिंग के समय कपड़े के नैपकिन के बजाए पैपर डिस्पोजल नैपकिन से कार्य किया जाता है। लोगो की सुरक्षा के लिए काम करते समय सेलून वर्कर द्वारा पीपीईकीट पहनकर काम किया जाता है। समाज के युवा मंडल संरक्षक जगदीश सेन ने बताया कि हर कस्टमर की सुरक्षा और सरकार की गाइडलाइन की पालना करना हमारा फर्ज है और सभी सैलून वर्कर्स को इसी तरीके से सेलून पर वर्क करना चाहिए। क्योंकि जिस तरीके से एक पेशेंट को डॉक्टर हैंडल करते हैं उसी तरीके से क्लाइंट भी सैलून वर्कर्स के पास कम से कम 30 मिनट बिताता है जिसमें अगर जरा सी भी लापरवाही हो तो कोरोना संक्रमण होने के खतरा बना रहता है। इसके कारण सभी सैलून वर्कर्स ने सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप काम करने का निर्णय लिया है।
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