इस बार कई नए आकर्षण भी वैसे तो हर बार ही शिल्पग्राम उत्सव में कुछ न कुछ नया आकर्षण देश-दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर खींचता ही है, लेकिन इस वर्ष युवाओं और बच्चों के लिए कई नवाचारों की परिकल्पना की गई है। इसके लिए बागोर की हवेली स्थित केंद्र कार्यालय में केंद्र प्रभारी सुधांशु सिंह अपने सहयोगियों संग नियमित कार्ययोजना तैयार करने में संलग्न हैं। उन्होंने बताया कि इनका खुलासा 15 दिसम्बर के बाद कर दिया जाएगा। शिल्पग्राम उत्सव के लिए पिछले एक माह से अधिक समय से श्रमिक कला-प्रांगण सजाने-संवारने में जुट चुके हैं। ऐसे में खरपतवार काटने-हटाने के अलावा, झोपडिय़ों का पुनर्निर्माण, रंग-रोगन, लिपाई-पुताई और मांडणा-अलंकरण जैसे तमाम कार्य तकरीबन पूरे हो चुके हैं।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित शिल्पग्राम उत्सव के दौरान हाट बाजार में जहां हर किसी को देश के अनेक प्रांतों की कलात्मक वस्तुएं देखने और खरीदने को मिलेगी। वहीं हाट बाजार को शिल्प कलाओं के अनुरूप सजाया जाएगा। केन्द्र निदेशक प्रभारी ने बताया कि शिल्पकारों को कलात्मक उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध करवाने तथा बिना मध्यस्थ के उत्पाद सीधे उपभोक्ता तक पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न राज्यों से 400 से अधिक शिल्पकार लेकसिटी पहुंचेंगे। यहां लगे हाट बाजार में मिट्टी की कलात्मक वस्तुएं, धातु के बने उत्पाद और आभूषण तथा अन्य अलंकरण, जूट की कलात्मक वस्तुएं, कपड़े, चर्म उत्पाद सहित अन्य शिल्प वैविध्य हर किसी को आकृष्ट करेंगे।
शिल्पग्राम उत्सव के दौरान आमजन को विभिन्न थड़ों पर लोक प्रस्तुतियां निहारने का अवसर मिलेगा। जहां कच्छी घोड़ी, चकरी, मांगणियार, कथौड़ी, बेड़ा रास, गेर, सहरिया स्वांग, मशक वादन, बहुरूपिया, कठपुतली, जादूगर, नगाड़ा वादन, गवरी, नट करतब, शहनाई व अलगोजा वादन करते कलाकार दिनभर प्रदर्शन करेंगे