उन्होंने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, विकास आयुक्त हस्त शिल्प नई दिल्ली, विकास आयुक्त हथकरघा, नई दिल्ली, राष्ट्रीय पटसन बोर्ड तथा क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों के सहयोग से आयोजित इस उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के एक हजार से ज्यादा लोक कलाकार व शिल्पकार तथा व्यंजन के शिल्पी भाग लेंगे। इस उत्सव में 18 राज्यों के 600 लोक कलाकार और 21 राज्यों के 400 शिल्पकार भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि उत्सव के दौरान प्रतिदिन दोपहर 12 बजे हाट बाजार शुरू होगा। जहा शिल्पकार कलात्मक वस्तुओं के प्रदर्शन के साथ-साथ उसका बेचान भी करेंगे। हाट बाजार में ही लोक कलाकारों द्वारा विभन्न थड़ों पर कला प्रस्तुतियां दी जाएंगी। आगंतुकों को मिलेगा मंच उत्सव में 22 से 28 दिसम्बर तक रोजाना 2 से 4 बजे तक बंजारा रंगमंच पर ‘हिवड़ा री हूक-यानि दिल चाहता है..’ में आगंतुकों को कला प्रदर्शन के लिये मंच उपलब्ध करवाया जाएगा।
READ MORE: उदयपुर में आज भी धारा 144, नेट रहेंगे बंद, शांति के बीच समझौता वार्ता, 53 गिरफ्तार इसी मंच पर सांस्कृतिक प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी होगा। उत्सव में रोजाना शाम 6 बजे से मुक्ताकाशी रंगमंच ‘कलांगन’ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। दिखाई देंगी 18 राज्यों की कला शैलियां दस दिन की अवधि में 18 राज्यों की कला शैलियां निहारने का अवसर मिलेगा। इनमें भोरताल (असम), डेडिया (उत्तर प्रदेश), भपंग (राजस्थान), लाय हरोबा (मणिपुर), नटुआ (पश्चिम बंगाल), पूजा कुनीथा (कर्नाटक), रौफ (जम्मू व कश्मीर), चांडी (सिक्किम), डांग (गुजरात), स्किट (राजस्थान), लंगा (राजस्थान), बाउल गायन (पश्चिम बंगाल), घोड़े मोडऩी (गोवा), समई (गोवा), शंख वादन (ऑडीशा), सिरमौरी नाटी (हिमाचल प्रदेश), रोप मलखम्भ (महाराष्ट्र), होजागिरी (त्रिपुरा), बिहू (असम), पुंग चोलम, स्टिक, थांग-ता (मणिपुर), भांगड़ा (पंजाब), छपेली (उत्तराखंड), संबलपुरी (ऑडीशा), सिद्दी धमाल (गुजरात), वीर वीरई नटनम (पुद्दूचेरी), ढाली (पश्चिम बंगाल), लावणी (महाराष्ट्र), चरी (राजस्थान) सहित अन्य उल्लेखनीय रहेंगी। ये शैलियां आएंगी पहली बार निदेशक ने बताया कि पहली बार आने वाली कला शैलियों के बारे में बताया कि पश्चिम बंगाल का नटुआ, असम का भोरताल, उत्तर प्रदेश का डेडिया, कर्नाटक का पूजा कुनीथा, सिक्किम का चांडी व पुद्दूचेरी का वीर वीरई नटनम् प्रमुख हैं। इन राज्यों से आएंगे कलाकार शिल्प कलाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि हाट बाजार में आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, जम्मू व कश्मीर, मध्य प्रदेश , ऑडीशा, पुद्दुचेरी, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, गोवा तथा देश के पूर्वोत्तर राज्यों शिल्पकारों की बनाई कलात्मक वस्तुएं खरीदने का मौका मिलेगा। पहले दिन 3 बजे बाद प्रवेश नि:शुल्क निदेशक फुरकान खान ने बताया कि उत्सव के पहले दिन 21 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे बाद लोगों के लिये प्रवेश नि:शुल्क होगा। परिवहन विभाग द्वारा शहर से शिल्पग्राम आवागमन के लिये विभिन्न रूटों पर परमिट जारी किया जा रहा है। एक तरफा यातायात शिल्पग्राम उत्सव के दौरान लोगों के शिल्पग्राम आने जाने के लिये एक तरफा यातायात व्यवस्था रहेगी। चार पहिया वाहन बड़ी छोर से तथा दो पहिया वाहन रानी रोड छोर से प्रवेश कर सकेंगे।