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शिल्पग्राम उत्सव में बिहू, थांग-ता और सहरिया स्वांग ने जमाया रंग, हाट बाजार में शिल्प उत्पादों की खरीदारी परवान पर

locationउदयपुरPublished: Dec 27, 2017 01:46:01 am

Submitted by:

rajdeep sharma

लोकरंग उत्सव में साकार हुईं देश के विभिन्न अंचलों की सांस्कृतिक संस्कृति

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उदयपुर . शहर से सटे हवाला ग्राम स्थित कला परिसर में चल रहे शिल्पग्राम उत्सव के छठे दिन मंगलवार को हाट बाजार में देश के विविध अंचलों के शिल्पियों की कलात्मक वस्तुओं की लोगों ने जमकर खरीदारी की। इसके अलावा मेले में लोक कलाकारों की मनोरंजक पारम्परिक कलाओं का भी लुत्फ उठाया।
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शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी रंगमंच ‘कलांगन’ पर मंगलवार शाम असमी बालाओं ने अपने ‘बिहू’ नृत्य की धमाल से दर्शकों का मन मोह लिया वहीं शाहाबाद के सहरिया कलाकारों के ‘स्वांग’ ने भरपूर मनोरंजन किया। एक अन्य कार्यक्रम में मणिपुर के ‘थांग-ता’ में योद्धाओं ने अपनी तलवार के करतबों से उपस्थित जन समुदाय को सम्मोहित कर दिया। उत्सव की छठी सर्द शाम की शुरुआत गुजरात के वसावा आदिवासियों ने होली नृत्य से की। इसके बाद मांगणियार लोक गायकों ने अपने सुरों से रिझाया। अगली पेशकश में आेडीशा के शंख वादकों के करिश्माई नृत्य और बांसुरी की टेर पर बिहू कलाकारों के आगमन के साथ ढोलक की थाप पर असम की नृत्यांगनाओं ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
सजावट से अभिभूत हो रहे मेलार्थी

शिल्पग्राम आने वाले सैलानी यहां की साज-सज्जा से काफी अभिभूत हो रहे हैं। प्रवेश द्वार पर लोगों का स्वागत करती कठपुतलियां और झोपड़ी के छप्पर पर बैठे मोर की प्रतिकृतियों सहित विभिन्न हिस्सों में सजे ढोल लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
प्रस्तुतियों ने किया रोमांचित
मणिपुरी लडक़ाओं ने ‘थांग-ता’ में तलवार बाजी के जबर्दस्त करतबों से दर्शकों में रोमांच भर दिया। इन्हीं कलाकारों की स्टिक परफोरमेन्स देखकर लोग हैरत में पड़ गए। वाद्य यंत्रों की लयकारी के साथ हैरतअंगेज कारनामों पर इन कलाकारों ने जमकर दाद पाईं। इसके बाद बारां जिले के शाहाबाद से आए सहरिया कलाकारों ने स्वांग तथा अहमदाबाद के मिमिक्री कलाकार हेमन्त खरसाणी उर्फ चीका भाई के हास्य तडक़े ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इसके अलावा त्रिपुरा का होजागिरी, पंजाब का भांगड़ा व पुंग चोलम जैसी अन्य प्रस्तुतियां भी सराहनीय रहीं।
लुभा रहा कलात्मक हस्तशिल्प
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन के उद्देश्य से आयोजित उत्सव में हाट बाजार के ‘जूट संसार’ में शहरवासी एवं पर्यटक बैग्स, डेकोरेटिव वॉल पीस, कलात्मक गणेश और मछली जैसी हस्तनिर्मित कलाकृतियां खरीदते नजर आए। इसी तरह, ‘दर्पण बाजार’ में सुसज्जित फड़ चित्रकारी, ज्वैलरी, सलवार सूट, कॉटन व सिल्क का ड्रेस मटीरियल, हिमाचल के वूलन जैकेट्स, लैदर जैकेट्स, कोल्हापुरी चप्पल, पंजाबी फुलकारी आयटम्स, वाइट मैटल के बने कलात्मक आभूषण, धातु के फ्लॉवर पॉट्स और मीनाकारी से अलंकृत कलात्मक वस्तुएं आमजन को लुभाती देखी गई। इस दौरान हाट बाजार सहित मेला परिसर में अपनी कला प्रतिभा प्रदर्शन करते बहुरूपिए, हरियाणा के लोक नर्तक, कच्छी घोड़ी कलाकारों संग दर्शकों ने खूब फोटो खिंचवाए।
बाल संसार का अपना आकर्षण
मेला देखने और शिल्पग्राम घूमने आए नन्हे-मुन्नों के लिए सम झोपड़ी स्थापित ‘बाल संसार’ में एक ओर जहां मैजिक ट्रिक्स बताई-सिखाई जा रही है, वहीं कैलिग्राफी एक्सपर्ट स्टाइलिश हैण्डराइटिंग की बारीकियां समझाते देख जा सकते हैं।
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