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VIDEO : ‘नाद त्रयी’ में झलका लोक और शास्त्रीय धुनों का अनूठा संगम, देखें वीडियो…

locationउदयपुरPublished: Nov 18, 2018 03:10:14 pm

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‘नाद त्रयी’ में झलका लोक और शास्त्रीय धुनों का अनूठा संगम, देखें वीडियो…

राकेश शर्मा राजदीप/उदयपुर. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से शिल्पग्राम में आयोजित पांच दिवसीय शरद रंगोत्सव की चौथी शाम शनिवार को मुक्ताकाशी मंच पर एक ओर जहां जयपुर के नाहर बंधुओं ने ‘नाद त्रयी’ में लोक और शास्त्रीय धुनों के अनूठे समागम से शहरवासियों को रिझाया वहीं दूसरी ओर दिल्ली के कलाकारों ने ‘गेम ऑफ डाइस’ बैले के माध्यम से ‘बुरे का अंत बुरा’ संदेश बांटा। शाम ढलने के साथ ही रंगमंच पर बिखरती मद्धम रोशनी के बीच पं. सतोष नाहर के वॉयलिन सहित पं. राजकुमार नाहर के तबले तथा उस्ताद अदनान खान ने सितार की सुमधुर धुनों ने संगीत रसिकों को आल्हादित कर दिया। नाहर बंधुओं ने कार्यक्रम की शुरूआत राग यमन से की। जिसमें पहले उन्होंने तीन ताल में मध्य लय और फिर द्रुत लयकारी में वॉयलिन और सितार के सुरों के सम्मिश्रण से अलग प्रभाव पैदा किया। इस प्रस्तुति में तबले की संगत और बाद में राजस्थानी मांड ‘केसरिया बालम आवो नी पधारो..’ ने जमकर तालियां बटोरीं। बाद में भटियाली, पूरबी, कजरी आदि लोकगीतों की प्रस्तुतियों पर दर्शक मस्ती में झूमे।
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कार्यक्रम की दूसरी पेशकश में दिल्ली के प्रसिद्ध कलाकार संतोष नायर निर्देशित और साध्या-ए यूनिट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट द्वारा प्रस्तुत नाटिका ‘गेम ऑफ डाइस’ में महाभारत के द्यूतक्रीड़ा वाले प्रसंग को बेहद प्रभावी ढंग से दर्शाया गया। इसमें दक्षिण भारतीय नृत्य शैली कथकली तथा ओडीशा की मयूरभंज नृत्य शैली के कलात्मक प्रयोग से महाभारत के विभिन्न किरदारों को रंगमंच पर जीवन्त बनाते हुए ‘बुरे का अंत बुरा’ संदेश भी सायास संप्रेषित किया। इधर, दिनभर शिल्पग्राम परिसर में फूड फेस्टीवल के दौरान विभिन्न राज्यों से आए पाक शास्त्रियों के बनाए लजीज व्यंजनों की महक मेलार्थियों को अपनी ओर आकृष्ट करती रहीं। जिनमें महाराष्ट्र की पूरण पोळी, कोथरबड़ी, हरियाणा का देसी घी का जलेबा, बिहार का लिट्टी चोखा और मिष्ठान्न चंद्रकला, पंजाबी छोले भटूरे, कश्मीरी वाजवान और लखनऊ के खानसामें वाहिद के बनाए चटपटे व्यंजन प्रमुख हैं। शरद रंगोत्सव में रविवार को जयपुर के प्रसिद्ध स्वराग बैण्ड विशेष प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनेगी।
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