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चार साल से बीमार मीना का बिक गया सब – कुछ

locationउदयपुरPublished: Jan 30, 2019 05:54:52 am

Submitted by:

Bhuvnesh

बीमारी लाई मौत केमुहाने-अब फाकाकशी की नौबत

बीमारी लाई मौत केमुहाने-अब फाकाकशी की नौबत

बीमारी लाई मौत केमुहाने-अब फाकाकशी की नौबत

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. कम उम्र में लगी बीमारी ने मीना चौहान का पूरा जीवन बदल कर र ा दिया। उपचार की दांव पर जैसे जिंदगी के साथ ही पैसा कौड़ी ाी ोंट चढ़ गए। नाथद्वारा जिले के मादरेचो का गुढ़ा निवासी मीना चौहान को उपचार के नाम पर अब तक दस ला ा रुपए से ज्यादा ार्च करने पडे़, इसके बाद ाी मीना अपनी किड़नियां नहीं बचा सकी। हालात एेसे हो गए है कि अब फाकाकशी में जीवन बिताने के दिन आ गए। इलाज के नाम पर अब रिश्तेदारों और परिजनों से ले-देकर काम चल रहा है, लेकिन किडऩी ट्रांसप्लान्ट के लिए अ ाी ाी ला ाों रुपए की जरूरत है। २८ वर्षीय मीना का कहना है कि वह लोगों से मदद की गुहार कर रही है, उ मीद है ईश्वर जरूर मीना की मदद करेगा।
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दो छोटे बच्चों को है मां के स्वस्थ्य होने का इंतजार

मीना हर दूसरे दिन डायलिसिस करवा रही है। उसकी बहने पारसकुंवर व यशोदाकुंवर उसके साथ आती है, तो क ाी कोई और परिजन उसकी मदद के लिए पहुंचता है। अब तक उपचार के लिए दस ला ा रुपए ार्च हो चुके हैं। मीना के दो बच्चे युवराज (१०) और संजना आठ वर्ष की है। मीना का अब तक जमीन और जेवर तक बिक चुके हैं।
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पति किडऩी देने को हैं तैयार

मीना के पति मोहनसिंह अपनी पत्नी को किडऩी देने के लिए तैयार हैं। लेकिन किडऩी देने से लेकर जांच व ट्रांसप्लान्ट तक ला ाों रुपए ार्च होंगे, एेसे में पति व पत्नी दोनों लोगों से मदद का आग्रह कर रहे हैं। बहन पारसकुंवर ने बताया कि वे पांच बहने हैं। इनमें से चार की शादी हो चुकी है। मीना के पिता चतरसिंह ामनोर निवासी है, नाथद्वारा में निजी होटल में सुरक्षाकर्मी हैं। मां कंकु बाई गृहणी है। मीना के पति मोहनसिंह बेरोजगार हैं।
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