तकनीक तो ठीक, लेकिन…
इंटरनेट के उपयोग से शिक्षा सहित चिकित्सा, विज्ञान से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग, ई कॉमर्स, एम कॉमर्स सुविधा, संचार और मनोरंजन, डाटा शेयरिंग तथा ऑनलाइन बुकिंग जैसे अनेक क्षेत्रों में सर्च इंजन की सहायता से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ऐसे में आज देश-दुनिया के लाखों लोग, छोटे बच्चों और युवाओं सहित इंटरनेट के साथ फेसबुक, ट्विटर, मीडिया प्लेयर और कंप्यूटर गेम जैसी अनेक सुविधाओं से लैस हो गए हैं। सरकार भी घर-घर से इसे जोडऩे में दिलचस्पी ले रही है। लेकिन ऑनलाइन गेम, मुवी, गाने आदि ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या भी बिगाड़ दी है।
इंटरनेट के उपयोग से शिक्षा सहित चिकित्सा, विज्ञान से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग, ई कॉमर्स, एम कॉमर्स सुविधा, संचार और मनोरंजन, डाटा शेयरिंग तथा ऑनलाइन बुकिंग जैसे अनेक क्षेत्रों में सर्च इंजन की सहायता से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ऐसे में आज देश-दुनिया के लाखों लोग, छोटे बच्चों और युवाओं सहित इंटरनेट के साथ फेसबुक, ट्विटर, मीडिया प्लेयर और कंप्यूटर गेम जैसी अनेक सुविधाओं से लैस हो गए हैं। सरकार भी घर-घर से इसे जोडऩे में दिलचस्पी ले रही है। लेकिन ऑनलाइन गेम, मुवी, गाने आदि ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या भी बिगाड़ दी है।
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नेट के जरिए आसानी से मिलने वाले सतही ज्ञान के कारण स्मरण शक्ति के क्षरण से लेकर हाथ से लिखने की कला के लुप्त होने का खतरे के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के दुष्प्रभाव जग जाहिर हो रहे हैं। एक विदेशी सर्वे के मुताबिक 12 से 60 वर्ष की आयु के लोग कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट-पीसी पर हर दिन चार घंटे ऑनलाइन रहने से उनका बर्ताव गांजा-चरस जैसे नशेडिय़ों के बराबर पाया गया।
नेट के जरिए आसानी से मिलने वाले सतही ज्ञान के कारण स्मरण शक्ति के क्षरण से लेकर हाथ से लिखने की कला के लुप्त होने का खतरे के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के दुष्प्रभाव जग जाहिर हो रहे हैं। एक विदेशी सर्वे के मुताबिक 12 से 60 वर्ष की आयु के लोग कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट-पीसी पर हर दिन चार घंटे ऑनलाइन रहने से उनका बर्ताव गांजा-चरस जैसे नशेडिय़ों के बराबर पाया गया।
क्या हो सकते हैं समाधान
हर व्यक्ति जरूरत मुताबिक इसका इस्तेमाल करे। घरों में खासकर छोटे बच्चों को जहां तक संभव हो इससे दूर रखें। किशोर और युवा अनावश्यक उपयोग से बचें, खुद पर संयम रखें। परिवार, रिश्तेदारी और दोस्ती में परस्पर संवाद कायम रखें। वाहन चलाते समय और समारोह तक में गैजेट्स के गैरजरूरी उपयोग से बचे रहना भी शालीन समाधान हो सकता है।