उपखण्ड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन, ग्रामीण 25 जीपों में सवार हो पहुंचे झाड़ोल, आज जिला मुख्यालय पहुंचेंगे ग्रामीण
झाड़ोल. उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत कवेल में सरवण गांव के सैकड़ों ग्रामीण सोमवार को उपखंड मुख्यालय पहुंचे। गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग पर कार्यालय पर धरना दिया। करीब 11 बजे उपखण्ड कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों 6 घंटे तक भरी दुपहरी में डटे रहे। अधिकारियों का इन्तजार किया। आखिर शाम 5 बजे तहसीलदार मोहम्मद इकबाल हुसैन के पहुंचने पर ज्ञापन देकर घर लौटे।
सरवण के ग्रामीण 25 जीपों में सवार होकर उपखण्ड मुख्यायल पहुंचे। कार्यालय में तहसीलदार के मौजूद नहीं होने पर वहीं डटे रहे। बाद में लौट तहसीलदार हुसैन को ज्ञापन दिया। तहसीलदार ने ग्रामीणों की मौजूदगी में ही कलक्टर बिष्णुचरण मलिक को दूरभाष पर अवगत कराया। कलकटर ने कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए डीएफओ से बात की। उपखंड मुख्यालय की कार्रवाई से असंतुष्ट ग्रामीण मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। ग्रामीणों ने मेवाड़ युवा एकता ट्रस्ट के सुशील जैन, प्रवीण पंवार
उदयपुर , सूर्यप्रकाश आहरी, दिनश डांगी, हीरालाल मीणा, सोहम परमार, अरविन्द सिंह, लिम्बाराम, रूपलाल, जगनसिंह सिसोदिया, दौलतसिंह, उपसरपंच के नेतृत्व में ज्ञापन दिया।
बीमार को लाते हैं झोली में
सोम घाटा से सरवण तक करीब ८ किलोमीटर के पगडंडी मार्ग पर ग्रामीण आज भी गधों पर ही भार ढोह कर गांव पहुंचा रहे हैं। मकान निर्माण सामग्री से लेकर खाद्ïय सामग्री सभी गधों पर ही पहुंचाई जा रही है। गांव में किसी के बीमार होने पर झोली में डालकर पगडंडी मार्ग से लाना पड़ता है।
सड़क बने तो मिले अन्य सुविधाएं
ग्रामीणों की मुख्य मांग सोम से सरवण तक 8 किलोमीटर की सड़क बनाने की है। यह वन क्षेत्र वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी होने से वन विभाग की ओर से सड़क निर्माण की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। जिससे सालों पहले स्वीकृत बजट भी लेप्स हो गया, लेकिन सड़क नहीं बन पाई। सड़क बने तो गांव तक अन्य सुविधाएं भी पहुंच सकती है। यहां राज्य सरकार ने सिर्फ गे्रवल सड़क बनाने की स्वीकृति दे रखी है।
वन विभाग नहीं दे रहा एनओसी
सोम से सरवण तक 8 किलोमीटर डामरीकरण सडक से प्रभावित होने वाली वन विभाग की 10.8 हैक्टर भूमि के बदले कलक्टर की ओर से ग्राम अम्बासा में बिलानाम आराजी नम्बर १ में उप मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उदयपुर के नाम पर आवंटन किया। आंवटन आदेश अनुसार तहसीलदार की ओर से अम्बासा में वन विभाग को आवंटित भूमि चिन्हित कर सुर्पुद कर दी गई। वन विभाग की ओर से आंवटित भूमि पर कब्जा कर लिया गया। इधर, प्रभावित भूमि पर एनओसी नहीं दी जा रही है।
सड़क, न बिजली, न पेयजल सुविधा
जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर और उपखण्ड मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर गुजरात सीमा से सटे गांव सरवण के लोग आज तक आम सुविधाओं को तरह रहे हैं। ग्रामीणों की ओर से कई बार जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। सरवण की आबादी करीब 1200 है।