असल में उदयपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने यहां काम तो समय पर शुरू कर दिया लेकिन लावरवाही यह कर दी कि पहले छत का कार्य करने की बजाय टॉयलेट व दूसरे काम शुरू कर दिए। पिछले दिनों जब बारिश शुरू हुई तब ही छत का कार्य शुरू किया। इससे करीब तीन कमरों की छत को उधेड़ दिया और तेज हुई बारिश से नीचे के कमरे बारिश से भर गए। यह अलग बात है कि पानी पहले ही टपकता था लेकिन पूरी छत खोलने से भारी मात्रा में पानी भर गया। बैठने की जगह भी नहीं बची, जो सामान व स्टेशनरी थी वह भीगकर खराब हो गई। बारिश शुरू होने के बाद वहां कार्य भी बंद हो गया।
तलैया बन गया स्कूल पूरा स्कूल तलैया बन गया, बचे कमरे भी पानी से भरे, बरामदा भी पानी-पानी हो गया, प्रवेश द्वार का जो छोटा सा चौक है वह तलैया बन गया। शनिवार को कक्षा-कक्ष के बाहर ही एक बालिका पानी में स्लीप हो गई। १५ अगस्त के दिन स्कूल में आयोजन करने की जगह नहीं बची, ध्वजारोहण से पहले पूरे स्कूल के पानी को खाली करना पड़ा, तब जाकर थोड़ी जगह बनी। इधर, स्मार्ट सिटी कंपनी का कहना है कि बारिश व रक्षाबंधन की वजह से श्रमिक चले गए तो कार्य रुक गया, जल्द ही कार्य शुरू कर देंगे।
यह बड़ा काम किया जा रहा है लेकिन समय पर पहले छत का कार्य कर देते तो मुसीबत नहीं होती। पूरा स्कूल पानी-पानी हो गया है, नुकसान भी बहुत हुआ है। हमने स्मार्ट सिटी के इंजीनियर को भी तत्काल बताया था, ठेकेदार से तो इतना कह दिया कि तरपाल ही ढक दीजिए स्कूल में नुकसान नहीं होगा। आखिर में पानी से कक्षा-कक्ष भर गए।