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कोरोना की दहशत के बीच कोबरा न‍िकलने से मचा हड़कंप, लोगों की अटकी सांसें

locationउदयपुरPublished: Apr 09, 2020 04:01:17 pm

Submitted by:

madhulika singh

कुंडली मारे बैठा दिखा 7 फीट लंबा सांप , रात को साढ़े 12 बजे रेस्क्यू कर जंगल मे छोड़ा

snake rescue
मेनार. बर्ड विलेज मेनार कस्बे में एक घर के अंदर कोबरा साँप आने से हड़कंप मच गया। कोरोनावायरस के बीच कोबरा का आना खौफ के डबल अटैक से कम नहीं था क्योंकि इसे रेस्क्यू करने में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का चैलेंज भी था। कस्बे के हुक्मीचंद मन्द्रावत के घर में करीब 7 फीट लंबा कोबरा घुस आया। रात्रि के करीब साढ़े 10 बजे करीब जब घर में सोने की तैयारी हो रही इसी दौरान दरवाजे के पास हिलती चीज दिखी। ध्यान से दखने पर पता चला कि यह तो कुंडली मारे बड़ा कोबरा है। मकान मालिक ने इसे मारने के बजाय रेस्क्यू करने की बात की और आवाज देने पर आस-पास के लोग आ गए। लॉकडाउन के कारण कम ही लोग वहां नजर आए। सूचना पर पक्षीमित्र मौके पर पहुँच गए। इसकी सूचना वनाधिकारियों भी दी गई लेकिन अमूमन सभी स्नैक केचर ने लॉकडाउन के चलते आने से मना कर दिया। फिर पक्षीमित्रोंं नेे फतहनगर जाकर स्नैक केचर गोविंद सुथार एव हर्षित जांगिड़ को मेनार लाए। इस दरमियान साढ़े 10 से सवा 12 बजे तक सांप पर नजर रखे हुए थे । आधी रात को पहुँचे स्नैक केचर ने सांप को रेस्क्यू कर तालाब के पास जंगल में छोड़ दिया गया। तब जाकर मोहल्लेवासियों ने राहत की सांस ली।
35 साल में हजारोंं सांप पकड़े: फतहनगर के वन्यजीव प्रेमी गोविंद सुथार ने बताया कि क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों सालभर में सेंकडो सांप निकलते हैं। इनमें सर्वाधिक कोबरा प्रजाति के हैं। वे पिछले 35 वर्षो से सांप को बचाने का काम कर रहे हैंं। वे सालभर में 100 से 150 सांप औसत रेस्क्यू कर बचाते हैंं। गांवोंं में भी लोग इन्हें मारने के बजाय अब जगरुक होकर बचा रहे हैंं। इसमें पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।
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