भुवनेश पण्ड्या उदयपुर . हाथों में डिग्री और चेहरे पर रुआब, डिग्री लेकर सीधे माता-पिता के समक्ष पहुंचने की जल्दी। किसी मां की आंखें नम थी तो किसी के परिजन खिलखिलाते नजर आए। डिग्री लेकर टॉपी उछालते युवा जैसे भविष्य के ताने-बाने बुनने को तैयार थे। यह नजारा शनिवार शाम भारतीय प्रबन्धन संस्थान, उदयपुर के सातवें दीक्षान्त समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर 239 छात्रों ने वैश्विक आपूर्ति शृंखला प्रबंधन में एमबीए की डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किया। समारोह में छात्रों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों, संकाय और कर्मचारियों के सदस्यों सहित 700 से अधिक मेहमान मौजूद रहे। मुख्य अतिथि जेके पेपर लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक हर्षपति सिंघानिया ने कहा कि सीखने की क्षमता महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे आप सफल होते जाते हैं, वैसे-वैसे आप बड़े होते जाते हैं। यह जरूरी है कि हम बड़े होकर समाज के लिए कुछ करें यानी समाज के प्रति हमारी जो जिम्मेदारी है, उसका पूर्ण निर्वहन करें। हमें हर कार्य को पूरी तरह से सुरक्षित, कुशल और बेहतर तरीके से करना होगा, क्योंकि बेहतर प्रबन्धन से किया गया कार्य टिकाऊ होता है। उदयपुर बोर्ड के अध्यक्ष पंकज पटेल ने संस्थान की अंतिम वर्ष की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि पहले दिन से आईआईएमयू को विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त प्रबंधन संस्थान बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।पटेल ने नव नियुक्त बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का भी परिचय कराया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अधिनियम के माध्यम से संस्थानों को अपने बोर्ड चुनने की अनुमति देकर आईआईएमयू को अपूर्व स्वायत्तता प्रदान की है। आईआईएमयू निदेशक प्रो. जनत शाह ने स्नातक डिग्रियों का उल्लेख करते हुए छात्रों को बेहतर प्रबंधन से लीडरशिप करने की ओर बढऩे की बात कही। आयोजन में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम फॉर एक्जीक्यूटिव इन ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में मनीष राजपूत, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में संचित गुप्ता, अश्रुत गर्ग, अदीति सोमानी स्वर्ण पदक से नवाजे गए। अवार्ड फॉर बेस्ट एमबीए ऑल राउण्डर धीरज मलवावाला रहे। देश के कोने-कोने से आए विद्यार्थियों के अभिभावक आईआईएम में अलग-अलग जगह सेल्फी लेते रहे। मेहमानों ने कैंपस की खूब तारीफ की। अभिभावक डिग्री लेने वाले अपने बच्चों के साथ भी सेल्फी लेते दिखे