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समाज इन्हें नोंचता रहा, यहां बेटियों ने नाप ली जमीन और छू लिया आसमान

locationउदयपुरPublished: Aug 18, 2019 08:16:58 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– महिलाओं के उत्पीडऩ की कम नहीं हुई घटनाएं
– दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

 दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

दूसरी ओर बेटियों ने पाया ऊचा मुकाम

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. समाज में इन बेटियों के साथ ऐसे कृत्य हुए जो किसी जानवर के साथ भी अपेक्षा नहीं की जाती, बेटियों के साथ ऐसी घटनाएं हुई जिससे उनकी जिंदगी तबाही के दर तक पहुंच गई तो कई बेटियों ने तो इस दंश के साथ जीने से बचने के लिए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। ये कहानी उन तमाम बेटियों की है, जिनके साथ दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध हुए। दूसरी ओर समाज में कई ऐसी बेटियों के उदाहरण है जिन्हें मौका मिला तो उन्होंने इस मानसिकता के मुंह पर जोरदार तमाचा जड़ा और वे जमीन से लेकर आसमान तक नाप आई। आईए एक नजर डाले राजस्थान में महिलाओं, युवतियों पर हुए अत्याचार के मामलों पर तो दूसरी और ऐसी बेटियों के बारे में जाने जिन्होंने खुद अपनी सुरक्षा दीवार तो खड़ी की है, बल्कि सफलता में वे पुरुषों से कहीं आगे निकल गई।
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प्रदेश में 01 दिसम्‍बर 2018 से लेकर अब तक 18 जनवरी 2019 तक विभिन्‍न जिलों एवं थानों में नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्‍पीडन, बलात्‍कार के 224 प्रकरण दर्ज किये गये। उनमें 119 अभियुक्‍तों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया।
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नाबालिग बच्चियों के साथ यौन उत्‍पीडन बलात्‍कार प्रकरणों में पीडित प्रतिकर स्‍कीम 2011 के तहत उपलब्‍ध कराई गयी सहायता का वर्षवार विवरण वर्ष पोक्‍सों प्रकरणों की संख्‍या पीडित प्रतिकर स्‍कीम सहायता राशि 2016 216 434575032017 276 520160002018 408 79952500
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महिला उत्पीडऩ: 2008 से 2018 तक की तुलनात्मक स्थिति: 2014 के बाद जरूर मामलों में कमी आई है, लेकिन लगाम नहीं लग पाया। वर्ष मामले2008 151742009 180122010 189062011 207652012 219752013 291502014 321522015 290832016 283332017 255602018 27594
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जिस प्रदेश में बेटियों के साथ उत्पीडऩ की घटनाएं थम नहीं रही, इसके बीच कुछ उदाहरण ऐसे हैं जो किसी का भी मुंह बंद कर सकते हैं। प्रदेश के कई जिलों की कमान ये बेटियां संभाल रही है। इन बेटियों ने बड़ा किया देश दुनिया में नाम वर्तमान में राज्य में इन जिलों में महिला कलक्टर हैं।
उदयपुर- आनन्दी

भरतपुर- आरुषि ए मलिक

धौलपुर- नेहा गिरी

बूंदी- रुक्मणि रियार

चित्तौडगढ़़- शिवांगी स्वर्णकार

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वर्दी में भी महिला अधिकारी

– नीना सिंह- एडिशनल डाइरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रेल्वे मुख्यालय
– मालिनी अग्रवाल- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस

– स्मिता सिंह- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस

– बिनिता ठाकुर- आईजी उदयपुर

– डॉ किरण केंग-एसपी जैसलमेर

– ममता गुप्ता-एसपी बूंदी

– ममता राहुल- एसपी जोधपुर
– पूजा अवाना- एसपी प्रतापगढ़

– प्रीति चन्द्रा-एसपी जोधपुर पश्चिम

– श्वेता धनकड़- एसपी अजमेर

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ये है राजस्थान की महिला खिलाड़ी जिनका देश दुनिया में नाम है।

– अपूर्वी सिंह चंदेला 4 जनवरी 1993 को जयपुर में जन्मी एक भारतीय शूटर है। जो 10 मीटर एयर राइफ ल स्पर्धा में भाग लेती है। उन्होंने नई दिल्ली में 2019 में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता। उदयपुर में भी अपूर्वी का घर है। – मंजू बाला स्वामी चूरू में 1 जुलाई 1989 को जन्मी एक भारतीय ट्रैक और फ ील्ड एथलीट, हेमर थ्रो में 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एशियाई खेलों में इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।- गंगोत्री भंडारी जन्म 13 अगस्त 1956 को गढ़वाल में जन्मी लेकिन बाद में जयपुर रहने लगी। भंडारी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व खिलाड़ी हैं। उन्होंने 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 1982 के एशियाई खेलों के साथ.साथ कई अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह 1981 में क्योटोए जापान में एशियाई हॉकी चैम्पियनशिप के दौरान भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रही। – मंजरी भार्गव भारत की एक पूर्व गोताखोर हैं। डाइविंग में उत्कृष्टता के लिए उन्हें 1974 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह राजस्थान राज्य से है।- शगुन चौधरी, जन्म 1983 में हुआ। जयपुर से निकली और एक भारतीय शूटर बनी। शगुन लंदन में 2012 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में ट्रैप शूटिंग इवेंट में 20 वें स्थान पर रही। – सुनीता गोदारा पूर्व भारतीय मैराथन धावक हैं। वह 1984 में दिल्ली मैराथन जीतकर पहली बार राष्ट्रीय मैराथन चैंपियन बनीं। उन्होंने पेनांग और केदाह मैराथन में पदक जीते। उन्होंने बांडुंग में आयोजित 1992 एशियाई मैराथन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। – परमजीत कौर, जन्म 2 अप्रैल 1976 को मेरठ में हुआ, बाद में वह राजस्थान में आ गई। यह एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट हैं। उन्होंने 2000 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 4400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीता। सिडनी ओलंपिक 2000 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली राजस्थान की पहली महिला एथलीट हैं। – कोटा की भुवनेश्वरी कुमारी एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी हैं और ट्रैप शूटिंग में चैंपियन हैं। उन्हें 1969 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म 29 मई 1945 को बॉम्बे में हुआ था। – भुवनेश्वरी कुमारी भारत की एक पूर्व महिला स्क्वैश चैंपियन हैं। राजस्थान के अलवर के शाही परिवार में पैदा हुईं। – राज्यश्री कुमारी का जन्म 4 जून 1953 को हुआ। भारत की एक पूर्व प्रतियोगिता शूटर हैं। शूटिंग में अर्जुन पुरस्कार 1968 में दिया गया था। – सुरभि मिश्रा भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी हैं।उन्होंने भारत की प्रतिष्ठित स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल का स्थान लिया। – सुनीता पुरी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान हैं। 1966 में उन्हें खेलों में उत्कृष्टता के लिए भारत सरकार की ओर से अर्जुन पुरस्कार मिला। वह राजस्थान राज्य से है।- मिताली दोराई राज, एक भारतीय क्रिकेटर है, जो भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनी। महिलाओं के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाली 6000 रन के निशान को पार करने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं।- सपना पुनिया जयपुर एक महिला रेसवॉकर है। उन्होंने बीजिंग, चीन में एथलेटिक्स में 2015 विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 20 किलोमीटर पैदल चाल स्पर्धा में भाग लिया। – वर्षा सोनी जयपुरए राजस्थान से भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य रही। 1980 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों और 1982 के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
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