नटवर सिंह ने कोर्ट को बताया कि वह 2006 में अहमदाबाद जीआरपी थाने के तहत आने वाली हिम्मतनगर जीआरपी चौकी में कांस्टेबल था। 27 दिसंबर 2006 सुबह चार-साढ़े चार बजे राजस्थान पुलिस एएसआई नारायण सिंह का चौकी पर श्यामलाजी से फोन आया कि दो घंटे पहले उनकी कस्टडी से एक कुख्यात बदमाश तुलसी दो साथियों की मदद से फरार हो गया है। वह अहमदाबाद में जान लेवा हमला और राजस्थान में हत्या का आरोपी है।
READ MORE: Sohrabuddin-Tulsi Encounter : गवाहों नेे कहा, अंग्रेजी में लिखे कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए और रिपोर्ट भी पढकऱ नहीं सुनाई इस पर नटवर सिंह ने नारायण सिंह को हिम्मतनगर चौकी पर आने को कहा।नारायण सिंह अपनी टीम के साथ हिम्मतनगर जीआरपी चौकी पहुंचे थे, तब तक नटवर सिंह ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी। जीआरपी अधिकारी भी चौकी पर पहुंच गए। चौकी पर पहुंचे नारायण सिंह ने जीआरपी अधिकारी और कांस्टेबल नटवर सिंह को पूरा घटनाक्रम बताया कि वे 25 दिसंबर 2006 की शाम तुलसी को पेशी करवाने अहमदाबाद के लिए उदयपुर से निकले थे। 26 को पेशी करवाने के बाद रात की ट्रेन से वे वापस उदयपुर जा रहे थे।
तुलसी को भगाने के लिए उसके दो साथी आए थे और सामान्य लोगों की तरह ट्रेन में सवारियों के बीच बैठे थे, जिससे वे उन्हें पहचान नहीं पाए। श्यामलाजी स्टेशन से पहले तुलसी टॉयलेट के लिए गया, इसी दौरान सवारियों के बीच बैठा उसका एक साथी दूसरे टॉयलेट में चला गया और दूसरा साथी गैलरी में खड़ा हो गया। तुलसी को टॉयलेट करवाने दो कांस्टेबल युद्धवीर और करतार गए थे। तुलसी जैसे ही टॉयलेट से बाहर निकला, वहां खड़े उन दोनों साथियों ने हमला कर दिया और दोनों कांस्टेबल के आंखों में मिर्च पाउडर डालकर तुलसी को भगा ले गए थे।
बदमाशों ने इस दौरान पुलिस पर फायरिंग भी की थी, बचाव में हमने भी क्रॉस फायरिंग की थी। नटवर सिंह ने कोर्ट को बताया कि एएसआई नारायण सिंह के बताए पूरे घटनाक्रम को उसने ही ऑकरेंस रजिस्टर में लिखा था। इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट लिखने के बाद नटवर सिंह ने एफआईआर दर्ज होने के लिए रिपोर्ट को फैक्स के जरिए अहमदाबाद जीआरपी थाने भेजा था। नटवर सिंह के बयान के बाद कोर्ट में वह ऑकरेंस रजिस्टर एग्जिबिट हुआ, जिसकी नटवर सिंह ने पहचान की।
बार-बार पानी से आंखें धो रहे थे कांस्टेबल
बचाव पक्ष के वकील के पूछने पर नटवर सिंह ने बताया कि एएसआई नारायण सिंह के साथ तीन कांस्टेबल भी थे। इनमें दो कांस्टेबल बार-बार आंखें मसल रहे थे और पानी से आखें धो रहे थे, इनकी वर्दी पर भी मिर्च पड़ी थी। नारायण सिंह ने बताया था कि इन्हीं दो कांंस्टेबल की आंखों में मिर्ची डालकर बदमाश तुलसी को लेकर फरार हुए थे।