इसलिए होता है आंशिक सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण को खंडग्रास ग्रहण भी कहते हैं। आंशिक ग्रहण होता है, जब सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में नहीं होते और चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ही ढंकता है। इस खगोलीय स्थिति को खण्ड-ग्रहण कहा जाता है। इस स्थिति में जब ग्रहण सूर्य या चंद्रमा के कुछ हिस्से पर ही लगता है। यानि चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढंकता है।
ग्रहण के दिन करें दान-पुण्य
ज्योतिषियों के अनुसार, शनि अमावस्या को सूर्य ग्रहण के समय ब्राह्मणों को पंच दान लाभदाकारी माना गया है। ये पांच वस्तुएं अनाज, काला तिल, छाता, उड़द दाल, सरसों तेल होती है। इन वस्तुओं के दान का महत्व होता है। इनके दान से परिवार की समृद्धि में वृद्धि होती है। इस संयोग में सरसों तेल दान करने से शनि का प्रभाव सदैव के लिए समाप्त होता है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े-साती या ढैया चल रही है, उनके लिए जरूरी है कि वे शनि अमावस्या पर दान करें।
ज्योतिषियों के अनुसार, शनि अमावस्या को सूर्य ग्रहण के समय ब्राह्मणों को पंच दान लाभदाकारी माना गया है। ये पांच वस्तुएं अनाज, काला तिल, छाता, उड़द दाल, सरसों तेल होती है। इन वस्तुओं के दान का महत्व होता है। इनके दान से परिवार की समृद्धि में वृद्धि होती है। इस संयोग में सरसों तेल दान करने से शनि का प्रभाव सदैव के लिए समाप्त होता है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े-साती या ढैया चल रही है, उनके लिए जरूरी है कि वे शनि अमावस्या पर दान करें।
सूर्य ग्रहण- 04 दिसंबर सूर्य ग्रहण की शुरुआत- सुबह 10 बजकर 49 मिनट से
सूर्य ग्रहण की समाप्ति- दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक सूर्य ग्रहण की कुल अवधि- 04 घंटा