scriptपढ़िए उदयपुर में दिहाड़ी मजदूर के उस बेटे की कहानी जिसने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता है.. | Son of the wage labour won silver at national level | Patrika News

पढ़िए उदयपुर में दिहाड़ी मजदूर के उस बेटे की कहानी जिसने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता है..

locationउदयपुरPublished: Dec 31, 2018 12:39:52 pm

Submitted by:

Manish Kumar Joshi

दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने जीता राष्ट्रीय स्तर पर रजत

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दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने जीता राष्ट्रीय स्तर पर रजत

उदयपुर. रांची झारखंड में चल रही 64वीं राष्ट्रीय विद्यालयी जूडो प्रतियोगिता में राजस्थान की टीम से खेल रहे उदयपुर डोडावली ग्राम पंचायत के छोटे से गांव पिपलिया के जनजाति छात्र मुकेश मीणा ने जूडो छात्र 25 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक प्राप्त कर राजस्थान को पहला पदक दिलाया। मुकेश मीणा वर्तमान में उदयपुर के राजकीय जनजाति खेल छात्रावास सरदारपुरा में रहते हुए रेलवे ट्रेनिंग माध्यमिक विद्यालय उदयपुर में अध्ययनरत है। मुकेश के पिता पेमा गमेती एवं माता होमली उदयपुर शहर में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। बेटे की इस जीत पर पेमा गमेती का कहना है कि पिपलिया गांव बहुत पिछड़ा हुआ है जहां सडक़, लाइट, नल सहित अन्य सुविधाएं भी नहीं हैं। ऐसे में गांव के बच्चे राउप्रा विद्यालय पिपलिया में आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं और शहर में आकर मजदूरी करते हैं। पूर्व में गांव में शारीरिक शिक्षक रहे किशन सोनी ने कड़ी मेहनत से खुद के साधन जुटाकर गांव के इन बच्चों को जूडो कुश्ती का कड़ा अभ्यास करवाया और इन्हें उदयपुर जिले ओर राज्य स्तर पर खेलने एवं प्रदर्शन का मौका दिलाया।
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गत वर्ष गांव के 9 छात्र-छात्राओं का उदयपुर के जनजाति खेल छात्रावास मधुवन एवं सरदारपुरा में प्रवेश हुआ। मुकेश मीणा उदयपुर में जूडो प्रशिक्षक सुशील सेन एवं किशन सोनी से नियमित प्रशिक्षण लेते है। कोच सेन का कहना है कि उदयपुर एवं आसपास के गांवों में बहुत खेल प्रतिभाएं है जिन्हें तराशने और सम्बल देने की जरूरत है।

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