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इस स्कूल से फिर छिन जाएगा खेल मैदान ! पत्रिका ने अभियान चला कर मुक्त करवाया था खेल मैदान

locationउदयपुरPublished: Sep 05, 2018 12:03:15 am

Submitted by:

madhulika singh

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स्कूल से फिर छिन जाएगा खेल मैदान !

फलासिया. खिलाडिय़ों की नर्सरी के नाम से ख्यात करेल उच्च प्राथमिक विद्यालय का खेल मैदान नेशनल हाइवे निर्माण में टोल नाके के लिए चिन्हित होने से हाइवे प्राधिकरण की ओर से अवाप्त किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व विद्यालय प्रबंधन की ओर से लिखित में आपत्ति दर्ज कराने के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाने पर झाड़ोल विधायक, फलासिया प्रधान सहित ग्रामीणों ने एसडीओ सहित कलक्टर को शिकायत दर्ज कराते हुए टोल नाका अन्यत्र स्थान पर बनवाने की मांग की। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने अभियान चलाते हुए इस स्कूल के खेल मैदान को अतिक्रमण से मुक्त करवाते हुए विद्यालय के नाम करवाया था।
सोम पंचायत के उच्च प्राथमिक विद्यालय करेल में शिक्षकों के समर्पण के चलते शिक्षा के अलावा सह-शैक्षिक गतिविधियों में भी विद्यार्थियों का लंबे समय से ब्लॉक, जिले व प्रदेश में वर्चस्व बना हुआ है। पिछले तीन वर्षों से यह विद्यालय प्रदेश का श्रेष्ट उत्कृष्ठ स्कूल बना हुआ है।
नेशनल हाइवे के टोल नाके के लिए हो रही जमीन अधिग्रहित
उल्लेखनीय है कि कुण्डाल से ईडर वाया झाड़ोल-फलासिया नेशनल हाईवे ५८ के लिए अवाप्त की जा रही जमीन में करेल स्कूल के खेल मैदान की जमीन टोल नाका निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही है। यह जमीन ग्यारह वर्षों पूर्व एक स्थानीय ग्रामीण ने विद्यालय को खेल मैदान के लिए दान दी थी, इस पर भामाशाह को राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया था। हाइवे का गजेट नोटिफिकेशन जारी होने पर विद्यालय प्रबंधन ने १७ नवंबर ,२०१७ को आपत्ति भी दर्ज करवाई थी किंतु इस पर कोई सुनवाई अब तक नहीं हो पाई। इसमें भी गंभीर बात यह है कि जहां टोल नाका निर्माण प्रस्तावित है वहां से महज एक किलोमीटर की दूरी पर ही तीन सम्पर्क सड़कें बनी हुई है, जिससे इस टोल नाके का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
एथलेटिक्स में 12, खेलकूद में ७बार जिला चैम्पियन, 14 बार ब्लॉक चैम्पियन
इस स्कूल की प्रतिभाएं एथलेटिक्स में12 बार व खेलकूद में सात बार जिला स्तर पर जनरल चैम्पियन रह चुकी है । इसके अलावा 14 बार करेल स्कूल झाड़ोल ब्लॉक स्तर पर भी जनरल चैम्पियन रह चुका है।
डेढ़ सौ से ज्यादा खिलाड़ी पहुंचे राज्य स्तर पर
करेल स्कूल से अब तक डेढ़ सौ से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं कबड्डी, खो-खो, दौड़, उंचीकूद सहित अन्य खेलों व एथलेटिक्स प्रतियोताओं में राज्य स्तर पर चयनित हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर खिलाडिय़ों को स्कूल से निकलने के बाद आगे उपयुक्त मंच नहीं मिलने से इन प्रतिभाओं ने दम तोड़ दिया । विद्यालय के कुछ खिलाड़ी ही उच्च माध्यमिक व कॉलेज स्तर पर भी खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभाओं को निखारते रहे।
पत्रिका ने अभियान चला कर मुक्त करवाया था खेल मैदान

जिस करेल स्कूल ने पिछले वर्षों में डेढ़ सौ से ज्यादा राज्य स्तर तक के खिलाड़ी दिए, उस स्कूल के प्रतिभाओं को गिरवी ली हुई जमीन पर अभ्यास करने की मजबूरी से छुटकारा तीन वषां पूर्व राजस्थान पत्रिका ने अभियान चलाकर दिलवाया था। स्कूल के नाम आवंटित खेल मैदान की जमीन पर कतिपय लोगों की ओर से अवैध रूप से कब्जा करने पर सिलसिलेवार खबरें ‘खिलाडिय़ों की नर्सरी बने स्कूल के पास खेल मैदान तक नहींÓ शीर्षक से प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन एसडीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया था। स्थानीय पंचायत ने चट्टानों को काटकर मैदान का समतलीकरण कर दिया। इसके अलावा झाड़ोल एमएलए हीरा लाल दरांगी ने भी खेल मैदान को विकसित करने के लिए विधायक मद से पांच लाख रुपए स्वीकृत किए थे।
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-विधायक सहित ग्रामीणों में आक्रोश

इस मामले में झाड़ोल विधायक हीरा लाल दरांगी, फलासिया प्रधान सदन देवी, फलासिया सरपंच संघ अध्यक्ष शंभूलाल सहित विद्यालय प्रबंधन ने उपखण्ड अधिकारी जितेन्द्र पाण्डे, जिला कलक्टर विष्णु चरण माल्लिक को ज्ञापन सौंप टोल नाका किसी अन्य स्थान पर बनाने की मांग की।
टोल नाका बनवाने का औचित्य नहीं
जहां एक तरफ सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल मैदान विकसित करने के लिए सहयोग व भामाशाहों को प्रेरित करने का जतन कर रही है वहीं दूसरी ओर विकसित खेल मैदान को कुछ रुपए बचाने के चक्कर में अवाप्त कर रही है। जबकि यहां टोल नाका बनाए जाने का कोई औचित्य भी नहीं है।
हीरा लाल दरांगी,विधायक, झाड़ोल

ज्ञापन मिलने के बाद तहसीलदार झाड़ोल को मौका स्थिति देख रिपोर्ट देने के निर्देश जारी कर दिए है।

जितेन्द्र पाण्डे, उपखण्ड अधिकारी, झाड़ोल

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