खेल खर्च की उल्टी चाल, फिर कैसे करें निहाल, जानें पूरा मामला खिलाड़ी बरसाते रहे मेडल, हो रहा अन्याय उदयपुर. राज्य सरकार के अधिकारी गत वर्ष खेल-खिलाडिय़ों के लिए जारी राशि में से करीब साढ़े तीन हजार लाख रुपए खर्च ही नहीं कर पाए। इसका खमियाजा खिलाडिय़ों (sports news) को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि आगामी बजट में से यह राशि कम कर जारी की जाएगी।
राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में 6505.08 लाख रुपए जारी किए थे, जिसमें से अधिकारी 3083.26 लाख रुपए ही खर्च कर सके। ऐसे में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए पदक जीते रहे खिलाडिय़ों के साथ अन्याय हुआ है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में 6505.08 लाख रुपए जारी किए थे, जिसमें से अधिकारी 3083.26 लाख रुपए ही खर्च कर सके। ऐसे में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए पदक जीते रहे खिलाडिय़ों के साथ अन्याय हुआ है।
प्रदेश के खिलाडिय़ों को मिले पदक
वर्ष : अन्तरराष्ट्रीय : राष्ट्रीय : राज्य
2013-14 : 19 : 114 : 10
2014-15 : 14 : 48 : 8
2015-16 : 22 : 50 : 06
2016-17 : 19 : 53 : 10
2017-18 : 30 : 00 : 00
वर्ष : अन्तरराष्ट्रीय : राष्ट्रीय : राज्य
2013-14 : 19 : 114 : 10
2014-15 : 14 : 48 : 8
2015-16 : 22 : 50 : 06
2016-17 : 19 : 53 : 10
2017-18 : 30 : 00 : 00
प्रदेश में खेल पर खर्च
वर्ष : बजट : व्यय
2014-15 : 5542.65 : 5542.65
2015-16 : 8431.87 : 8431.87
2016-17 : 8523.60 : 8523.60
2017-18 : 10048.44 : 10048.44
2018-19 : 6505.08 : 3083.26
(राशि लाखों में… )
जो राशि खर्च नहीं होती है, वह अगले वर्ष आने वाले बजट में कम हो जाती है। जिला से राज्य स्तर पर खेलने जाने वालों को 300 रुपए प्रतिदिन एवं आने-जाने का किराया दिया जाता है। इसी प्रकार राज्य से राष्ट्रीय स्तर पर जाने वाले खिलाड़ी को 500 रुपए प्रतिदिन व आने-जाने का किराया दिया जाता है। राष्ट्रीय स्तर से आगे निकलने वाले खिलाड़ी के लिए केन्द्र सरकार के अलग मापदण्ड हैं। अमृत कल्याणी, जिला खेल अधिकारी उदयपुर