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मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफन का मंचन

locationउदयपुरPublished: Feb 15, 2021 12:57:24 am

Submitted by:

Pankaj

नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान की प्रस्तुति

मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफन का मंचन

मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफन का मंचन

उदयपुर. नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनीय कला संस्थान के कलाकारों ने रविवारीय नाट्य संध्या में मुंशी प्रेमचंद रचित कहानी कफन का मंचन किया।
कहानी का नाट्य रूपांतारण एवं निर्देशन अमित श्रीमाली ने किया। कहानी की मूल संवेदना यह है कि आधुनिक आर्थिक विषमताएं बेरोजगारी और निकम्मे समाज-व्यवस्था के कारण व्यक्ति कितना स्वार्थी, कामचोर और जड़ हो जाता है कि वह अपनी मृतक पुत्रवधू और पत्नी के कफन के लिए एकत्र चन्दे के धन को शराब पीने में व्यय कर डालता है। अन्त में अपने इस कृत्य का समर्थन करने के लिए समाज की रीति-रिवाज को कोसते हुए कहता है कि ‘कैसा बुरा रिवाज है कि जिसे जीते जी, तन ढकने को भले चीथड़ा न मिले उसे मरने पर कफन चाहिए, वो भी नया।Ó
कलाकारों में बाप के किरदार में रागव गुर्जरगौड़ और बेटे के किरदार में चक्षू सिंह रूपावत ने अभिनय किया। संगीत संयोजन महेश कुमार जोशी, ईशा जैन, संगीत संचालन मोहम्मद रिजवान मंसूरी और प्रकाश संयोजन अगस्त्य हार्दिक नागदा का रहा। मंच सहायक फिजा बत्रा, धीरज जिनगर, भूपेन्द्रसिंह चौहान, रमन कुमार, पीयूष गुरुनानी एवं दाउद अंसारी का योगदान रहा।
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