भींडर पंचायत समिति को क्षेत्र की कुल 52 ग्राम पंचायतों के लिए इस मद में 8 करोड़ 32 लाख 29,000 रुपए की राशि प्राप्त हुई जिसमें से 25 प्रतिशत यानी 2 करोड़ 08 लाख 07,250 रुपए ही ग्राम पंचायतों को जारी किए गए हैं। राज्य सरकार ने 14वें वित्त आयोग की राशि सीधे ही ग्राम पंचायतों में नहीं, बल्कि पंचायत समिति के पीडी खाते में डाली, जबकि यह राशि सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में डाली जाती रही है। सरपंचों ने कई बार राज्य व केन्द्र सरकार को ज्ञापन दिया गया। इस संबंध में चितौडगढ़़ सांसद चन्द्रप्रकाश जोशी ने लोकसभा में भी प्रश्न उठाया था। इसके बाद राज्य सरकार की मनमानी जारी है। पंचायतों की 75 प्रतिशत राशि रोक ली गई है। सरपंचों का कहना है कि सिर्फ 25 प्रतिशत से क्या क्या विकास कार्य करवाएं।
विधायक को सरपंच संघ ने सौपा ज्ञापन
भींडर पंचायत समिति के सरपंच संघ ने विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। संघ के अध्यक्ष भगवतीलाल मेनारिया ने बताया कि 14वें वित्त आयोग की शेष राशि 75 प्रतिशत पंचायतों को हस्तांतरित नहीं की गई है। इसे शीघ्र पंचायतों के दें ताकि पंचायतों में विकास कार्य हो सकें। इस मौके पर खरसाण सरपंच भगवतीलाल मेनारिया, बरोडिय़ा सरपंच कमलेश गिरी गोस्वामी, वाना सरपंच दुर्गेश लौहार, वल्लभनगर सरपंच रूपगिरी गोस्वामी, मोतीदा सरपंच भंवर कुंवर, अमरपुरा खालसा सरपंच राजकुमारी जैन, बांसड़ा सरपंच मुकेश खटीक, तारावट सरपंच शांता जाट आदि मौजूद थे।
…. राज्य सरकार ने पहले 25 प्रतिशत राशि पंचायतों को देने का आदेश दिया। अब सरकार ने 25 प्रतिशत राशि और देने का आदेश दिया है। कुल 50 प्रतिशत राशि ही ग्राम पंचायतों को देनी। दूसरी बार 25 प्रतिशत राशि ग्राम पंचायतों की ओर से पिछले 4 वर्ष में विकास कार्यों का रिकॉर्ड बताने के बाद ही दी जाएगी। शेष 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार क्यों नहीं दे रही है, इसका हमें पता नहीं है।
कमर चौधरी, सीईओ, जिला परिषद
वर्तमान सरपंचों का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। साथ ही पंचायत राज चुनाव की आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। इसके बाद कोई स्वीकृति जारी नहीं हो पाएगी।
भगवतीलाल मेनारिया, अध्यक्ष, सरपंच संघ पंचायत समिति भींडर