मानवता को शर्मसार करने वाले घटनाक्रम को जिस किसी ने सुना द्रवित हो गया। बालिका के बदन पर डाम के निशान देख ग्रामीण सन्न रह गए। घटना 9 दिन पहले की है। बालिका के जख्मी होने की सूचना मिली तो सुंदरवास पहुंची दादी उसे अपने साथ गांव ले गई। गांव में ग्रामीणों ने बालिका की हालत देखी तो रूह कांप उठी। हर कोई बोल पड़ा कि एक मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है? ग्रामीणों ने बच्ची की हालत देख दादी को कार्रवाई कराने की बात कही, लेकिन वह हिम्मत नहीं जुटा पाई। बच्ची की हालत और परिजनों की गरीबी देख ग्रामीणों ने राजस्थान पत्रिका को घटनाक्रम की जानकारी दी। वल्लभनगर निवासी रवीन्द्रसिंह राठौड़ ने पुलिस कार्रवाई के लिए संपर्क पोर्टल पर शिकायत की। पत्रिका से बातचीत में बालिका ने बताया कि उसकी मां का देहांत चार साल पहले हो गया। एक साल पहले ही पिता सौतेली मां के रूप में नाते से महिला को ले आया। वह दादी के पास गांव में रहती थी, लेकिन कुछ दिनों पहले ही सुन्दरवास मां-बाप के पास आई थी।
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दरवाजा बंद किया और दागे ‘डाम’ पीडि़ता ने बताया कि रंगाई पुताई व मजदूरी करने वाले पिता घटना वाले दिन 10 नवम्बर को किसी काम से बाहर गए हुए थे। वह पड़ोस में रहने वाली भाभी के घर छोटे बच्चे को दुलारने चली गई। लौटी तो मां ने सवालों की झड़ी लगा दी। बच्ची ने सच-सच पूरी जानकारी दे दी तो मां ने दरवाजा बंद कर पीट दिया। संडासी गर्म कर बेटी के पैर, कूल्हे, जांघ व नाजुक अंगों पर ‘डाम’ दाग दिए। असहनीय दर्द से वह चिल्लाई तो मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और आवाज बाहर ना जाए इसके लिए पंखा चला दिया। एक बार वह बेहोश होकर गिर गई, फिर भी जख्म के कारण बिलखती रही, लेकिन मां का दिल नहीं पसीजा।
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पिता ने डांटा तो मां ने दी धमकी पिता के आने के बाद सुबकती बेटी ने पूरी जानकारी दी तो उन्होंने मां को डांटा। ऐसे में महिला ने छोडकऱ चले जाने और फांसी लगा लेने की धमकी दी तो पिता भी चुप हो गए। पड़ोसियों ने देखा तो जख्म के लिए मरहम दे दी, लेकिन ज्यादा दखल नहीं दे पाए। जख्म के कारण बालिका सही चल फिर भी नहीं पाई तो पड़ोसियों ने उसकी दादी को घटनाक्रम बताया। दादी सुन्दरवास आई तो बच्ची के दाग देख चौंक पड़ी। उसकी हालत देख बहू को खरीखोटी सुनाई। बच्ची के नाजुक अंगों को दागने के बारे में पूछा तो बहू कुछ नहीं बोल पाई। वह बच्ची को अपने साथ गांव ले आई।
—– बच्ची के गांव आने के बाद उसके ‘डाम’ देखकर सभी विचलित हो गए। ग्रामीणों ने एकत्रित होकर उसकी दादी को पुलिस में जानकारी देने के लिए कहा। डर व गरीबी के कारण वह आगे नहीं आई तो मैंने इसकी जानकारी पुलिस कार्रवाई के लिए सम्पर्क पोर्टल पर डाल दी।
रवीन्द्र ङ्क्षसह राठौड़, ग्रामीण