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जीवन रक्षक दवाइयों पर कड़ा ‘पहराÓ, मर्जी की पर्ची पर नहीं केवल बीमार को ही

locationउदयपुरPublished: Apr 06, 2020 12:05:01 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– महाराणा भूपाल हॉस्पिटल

जीवन रक्षक दवाइयों पर कड़ा 'पहराÓ, मर्जी की पर्ची पर नहीं केवल बीमार को ही

जीवन रक्षक दवाइयों पर कड़ा ‘पहराÓ, मर्जी की पर्ची पर नहीं केवल बीमार को ही

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में कोविड-19 वायरस से लडऩे वाली दवाइयों पर अब कड़ा पहरा कर दिया गया है। ये पांच दवाइयां अब केवल जरूरतमंद के लिए ही उपलब्ध हैं। मनमर्जी से केवल एक पर्ची से ये दवाई कोई नहीं ले सकेगा। बकायदा जांच में सामने आने पर ही किसी बीमार के लिए ये दवाई मिल सकेगी। खास तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन केवल उन्हें ही दी जा रही है जा रही है जो कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है। हर कार्मिक को एक पत्ता, फिलहाल एमबी हॉस्पिटल की ये ही पॉलिसी है, क्योंकि ये डोज सात सप्ताह तक लिया जाना है।
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हर कार्मिक को एक माह का कोर्स कोरोना वार्ड में काम करने वालों से लेकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के हर स्टाफ को एक माह का कोर्स दिया जा रहा है, फिलहाल उन्हें हाइड्रोक्सी क्लोराक्विन का डोज ही देने के निर्देश हैं। फिलहाल सभी सम्बद्ध हॉस्पिटल के अधीक्षकों को ये दवाइयां दे दी गई है, ताकि वह अपने स्टाफ में वितरण करवा दें, जो बकाया है उन्हें दिया जा रहा है। हर कार्मिक को एक-एक माह का कोर्स दिया जा रहा है, उन्हें ये समझाया जा रहा है कि इसे कैसे लेना है।
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चाबी अधीक्षक के पास – खास तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोराक्विन दवा का पूरा स्टॉक अधीक्षक डॉ आरएल सुमन की निगरानी में रखा गया है, ताकि दवाई को लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी सामने नहीं आए, जिस मरीज को जरूरत है उसे नियमित डोज दिया जा रहा है, यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो चिकित्सालय ने डिमांड तैयार कर रखी है, जिससे वह मंगवाया जाएगा।
– इसमें उच्चाधिकारियों से भी स्पष्ट निर्देश है कि वास्तविक जरूरतमंद को ही ये दवा मिलेगी।

वर्तमान में ये है एमबी का स्टॉक –

सेल्टामिविर- 30 एमजी- 8850 पत्ते

– ओसेल्टामिविर- 45 एमजी – 680 पत्ते
– ओसेल्टामिविर- 75 एमजी – 21000 पत्ते

– ओसेल्टामिविर- सिरप- 690 पत्ते

– हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन- 200एमजी- 15140 पत्ते

– एजिथ्रोमायसिन- 250- 56280 पत्ते

– एजिथ्रोमायसिन- 500 एमजी- 214644 पत्ते
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दवाईयों को मेरे स्टोर में रखवाया गया है ताकि केवल जरूरतमंद तक पहुंचे, अनावश्यक कोई इसका बेजा इस्तेमाल नहीं कर सके। जिसे वाकई जरूरत है, जो सही में बीमार है उसे तत्काल दवा उपलब्ध होगी, पूरे मेडिकल कॉलेज व सभी हॉस्पिटल के स्टाफ के लिए एक-एक पत्ता दवाई दी जा रही है जो तय मात्रा में उन्हें लेनी है।
डॉ आरएल सुमन, अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल उदयपुर

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