READ MORE : #Breaking: उदयपुर के टेक्नो इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर पर जानलेवा हमला, कॉलेज के इस छात्र ने किया हमला फलासिया हाल सेक्टर चार निवासी भाविक (24) पुत्र महेन्द्र कुमार चापावत (जैन) उमरड़ा टेक्नो कॉलेज में बीटेक आईटी के चतुर्थ सेमेस्टर का छात्र था। पिछले कुछ दिनों से वह तनाव में चल रहा था। उसने दोपहर को कॉलेज के निदेशक चेतक अपार्टमेंट देवाली निवासी राजशेखर (61) पुत्र श्यामसुंदर व्यास के रूम में जाकर चाकू से हमला कर दिया। निदेशक के गले व पेट पर गंभीर चोट आई, उन्हें गीतांजलि चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। इस बीच भाविक ने भी आत्महत्या कर ली। उसका शव अभी एमबी चिकित्सालय के मुर्दाघर में रखवाया है।
रूम के बाहर खड़ा रहा, फिर किया हमला दोपहर करीब दो बजे भाविक निदेशक राजशेखर व्यास के कमरे के बाहर खड़ा होकर उनके अकेले होने का इंतजार करता रहा। उसने चपरासी से भी बातचीत की। निदेशक के कक्ष में अकेले होते ही मौका पाकर अंदर घुस गया। उसने निदेशक का गिरेबां पकड़ा और अगले ही पल चाकू निकालकर उनके पेट पर वार कर दिया। बीच-बचाव में हाथ ऊपर-नीचे करने पर एक वार गर्दन पर भी लग गया। उन्होंने दौडक़र अपनी जान बचाई। इस बीच छात्र चाकू वहीं पटकर भाग निकला। सूचना पर हिरणमगरी थानाधिकारी संजीव स्वामी मय जाप्ते मौके पर पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई कर मामला दर्ज किया।
भाई ने पहले ही जता दिया अंदेशा
मृतक भाविक अपने बड़े भाई दिव्यांग जैन के साथ हिरणमगरी में रहता था। टीबी क्लिनिक में तकनीशियन पद पर कार्यरत दिव्यांग का कहना है कि भाविक पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रहा था। रात को भी वह घर नहीं लौटा। दोपहर को उसके साथी ने हमले की सूचना दी। उसने अपने परिजन जयेश चम्पावत को सूचना देते हुए कहा कि उसे खोजा जाए क्योंकि वह आत्महत्या कर सकता है।
मृतक भाविक अपने बड़े भाई दिव्यांग जैन के साथ हिरणमगरी में रहता था। टीबी क्लिनिक में तकनीशियन पद पर कार्यरत दिव्यांग का कहना है कि भाविक पिछले कुछ दिनों से तनाव में चल रहा था। रात को भी वह घर नहीं लौटा। दोपहर को उसके साथी ने हमले की सूचना दी। उसने अपने परिजन जयेश चम्पावत को सूचना देते हुए कहा कि उसे खोजा जाए क्योंकि वह आत्महत्या कर सकता है।
मैसेज तो पता चला आत्महत्या का शाम को लोगों के व्हट्सअप पर किसी छात्र के होटल अमराई वाले छोर पर पिछोला में कूदने की जानकारी मिली। रिश्तेदार व कॉलेज छात्र मौके पर पहुंचे तो वह भाविक निकला। पुलिस ने उसका शव मुर्दाघर में रखवाया। भाई दिव्यांग की वहीं हालत खराब हो गई और उसने निदेशक पर प्रताडऩा के आरोप लगाए।
लगाए गंभीर आरोप
दिव्यांग ने पुलिस को बताया कि निदेशक राजशेखर व्यास भाविक को काफी परेशान करते थे। प्लेसमेंट में नहीं बैठने देने की धमकी देते थे। इसके अलावा अन्य छात्रों के सामने उसे बेइज्जत करते थे इसलिए वह तनाव में चल रहा था। परिजन रिपोर्ट देने के लिए शाम को थाने के सामने भी एकत्रित हो गए। इधर, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि भाविक के 30 पेपर में से 6 में बैक चल रही थी, उसे कई बार कहा लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहा था। अनुशासन के तहत उसे पाबंद किया गया था, किसी भी प्रकार डर और धमकी नहीं दी गई।
दिव्यांग ने पुलिस को बताया कि निदेशक राजशेखर व्यास भाविक को काफी परेशान करते थे। प्लेसमेंट में नहीं बैठने देने की धमकी देते थे। इसके अलावा अन्य छात्रों के सामने उसे बेइज्जत करते थे इसलिए वह तनाव में चल रहा था। परिजन रिपोर्ट देने के लिए शाम को थाने के सामने भी एकत्रित हो गए। इधर, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि भाविक के 30 पेपर में से 6 में बैक चल रही थी, उसे कई बार कहा लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहा था। अनुशासन के तहत उसे पाबंद किया गया था, किसी भी प्रकार डर और धमकी नहीं दी गई।