उदयपुर

बिना गुरु छात्राेें को नहींं मिल रहा ज्ञान.. सरकारी विद्यालयों में कबाड़़ में बदला कम्प्यूटर का सामान

केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में आईसीटी योजना के तहत करोड़़ा़ेेंें रूपए खर्च कर बनाई गई थी लेब

उदयपुरFeb 02, 2019 / 02:05 pm

madhulika singh

fir on directer of sani computer center churhat

हेमन्त गगन आमेटा/उदयपुर. सरकार भले ही शिक्षा के नाम पर बडे़-बडे़ वादे कर रही है लेकिन देखा जाए तो कम्प्यूटर शिक्षा से वंचित विद्यार्थियो के लिए यह सभी वादे खोखले साबित हो रहे हैंं। राजस्थान भर में करीब 4500 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा आईसीटी योजना के तहत संचालित हो रही थी। इन सभी विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा के लिए लेब है लेकिन विद्यार्थियों को कंप्यूटर सिखाने के लिए कंप्यूटर शिक्षक नहींं है। वर्ष 2000 में केंद्र सरकार की आईसीटी योजना के तहत करोडोंं रूपये खर्च कर कंप्यूटर लेब बनाई गई और शिक्षक के रूप में संंविदा पर कंप्यूटर अनुदेशक लगाए गए लेकिन राज्य में दिसम्बर 2013 में भाजपा सरकार के शासन में आते ही अप्रेल 2014 में इन कंप्यूटर अनुदेशकोंं को हटा दिया गया। उसके बाद से ही विभिन्न राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा की एक प्रकार से ताला बंदी हो गई और करोडोंं रूपये खर्च करके बनाई गई लेब व कम्प्यूटर के सामान धुल चाटकर कबाड बनने की कगार पर पहुंंच गए। इसमेंं अगर देखा जाए तो आज के युग मे विद्यार्थियो के लिए कंप्यूटर शिक्षा एक महती व अनिवार्य शिक्षा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का सपना था कि देश का हर विद्यार्थी कंप्यूटर शिक्षा में अव्वल होकर देश का नाम रोशन करें परन्तु पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कंप्यूटर अनुदेशकों को राजकीय विद्यालयों में व महाविद्यालयो से हटाकर कंप्यूटर को महत्वहीन कर दिया। वर्तमान में सरकार के सभी काम ऑनलाइन कराए जारहे हैंं लेकिन सरकारी विद्यालयों मे विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा से वंचित रखा जारहा है आज हर क्षैत्र में कम्प्यूटर शिक्षा को अनिवार्य के रूप मे देखा जाता आरहा है लेकिन विद्यालयों में बालको को कम्प्यूटर शिक्षा से वंचित रखना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़़ करने जैसा प्रतीत हो रहा है।
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