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सुविवि छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदनसिंह राठौड़ ने कहा कि बाहरी युवक संघटक महाविद्यालयों व विवि परिसर में प्रचार करने नहीं आए। विवि प्रशासन की ओर से सख्ती बरती जा रही है। पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी दिखा रहा है। अगर कोई भी बाहरी युवक प्रचार करता पकड़ा गया तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं युवक की रहेगी।
सुविवि छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदनसिंह राठौड़ ने कहा कि बाहरी युवक संघटक महाविद्यालयों व विवि परिसर में प्रचार करने नहीं आए। विवि प्रशासन की ओर से सख्ती बरती जा रही है। पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी दिखा रहा है। अगर कोई भी बाहरी युवक प्रचार करता पकड़ा गया तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं युवक की रहेगी।
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कार्ड पहनकर आने लगे विद्यार्थी
संघटक महाविद्यालयों में कार्ड बांटे जाने के बाद व सख्ती के चलते विद्यार्थी काड्र्स पहनकर आने लगे हैं। इसके लिए इस बार कार्ड्स के साथ आईडी बेल्ट भी दिए गए है। विद्यार्थी की
पहचान के लिए सभी महाविद्यालयों में बेल्ट कलर अलग-अलग रखा गया है।
कार्ड पहनकर आने लगे विद्यार्थी
संघटक महाविद्यालयों में कार्ड बांटे जाने के बाद व सख्ती के चलते विद्यार्थी काड्र्स पहनकर आने लगे हैं। इसके लिए इस बार कार्ड्स के साथ आईडी बेल्ट भी दिए गए है। विद्यार्थी की
पहचान के लिए सभी महाविद्यालयों में बेल्ट कलर अलग-अलग रखा गया है।
दस उपलब्धियां गिनाने में भी आया जोर
छात्रसंघ चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की आेर से विद्यार्थियों को लुभाने के लिए कई लुभावने वायदे किए जाते हैं, लेकिन उनमें से गिने चुने ही पूरे होते हैं। गत सत्र में केन्द्रीय एवं महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे छात्रनेता अपने समर्थक एवं पार्टी प्रत्याशियों को जिताने का दम भर रहे हैं। वे छात्र हित में किए गए कार्यों को आधार बनाकर वोट मांग जा रहे हैं। उनकी उपलब्धियों को जानने के लिए राजस्थान पत्रिका ने सुविवि एवं संघटक महाविद्यालय, एमपीयूएटी व एमजी कॉलेज के पूर्व अध्यक्षों से उनके कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड मांगा तो वे दस बड़े काम भी बमुश्किल गिना पाए।
छात्रसंघ चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की आेर से विद्यार्थियों को लुभाने के लिए कई लुभावने वायदे किए जाते हैं, लेकिन उनमें से गिने चुने ही पूरे होते हैं। गत सत्र में केन्द्रीय एवं महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे छात्रनेता अपने समर्थक एवं पार्टी प्रत्याशियों को जिताने का दम भर रहे हैं। वे छात्र हित में किए गए कार्यों को आधार बनाकर वोट मांग जा रहे हैं। उनकी उपलब्धियों को जानने के लिए राजस्थान पत्रिका ने सुविवि एवं संघटक महाविद्यालय, एमपीयूएटी व एमजी कॉलेज के पूर्व अध्यक्षों से उनके कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड मांगा तो वे दस बड़े काम भी बमुश्किल गिना पाए।