उदयपुर. नेहरू होस्टल से विद्यार्थिंयों को बाहर निकालने को लेकर विद्यार्थिंयों ने सुविवि प्रशासनिक भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। विद्यार्थी ढोल मंजीरों के साथ विवि पहुँचे। प्रशासनिक भवन के बाहर नारेबाजी करते छात्र। प्रदर्शन के दौरान जैसे ही रजिस्ट्रार गाड़ी लेकर जाने लगे तो विद्यार्थियों ने उनको घेर लिया। विद्यार्थियों, रजिस्ट्रार व चीफ वार्डन डॉ आईएम कायमखानी के बीच लम्बी बहस चली, लेकिन विद्यार्थी नहीं माने। विद्यार्थियों ने ढोल बजाकर प्रशासन काेे अपनी मांगों की ओर ध्यान देने को कहा। विद्यार्थियों ने तख्ती लेकर विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने हॉस्टल को यथावत चलाने की मांग की। साथ ही जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और पुुुराने छात्रों को हॉस्टल में ही रहने की अनुमति देने की मांग रखी। विद्यार्थियों ने भवन के बाहर करीब 2 घंटे तक आदिवासी डांस किया। विद्यार्थिंयों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासनिक भवन के बाहर ताला जड़ दिया। इसके बाद भी माफी देर तक प्रदर्शन किया। भवन के बाहर लंबे समय के बाद इस तरह का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। जिसमे विद्यार्थिंयों का गुट प्रशासन पर भारी पड़ा। विद्यार्थिंयों ने किसी भी विवि कर्मचारी को बाहर नहीं जाने दिया।
उदयपुर. नेहरू होस्टल से विद्यार्थिंयों को बाहर निकालने को लेकर विद्यार्थिंयों ने सुविवि प्रशासनिक भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। विद्यार्थी ढोल मंजीरों के साथ विवि पहुँचे। प्रशासनिक भवन के बाहर नारेबाजी करते छात्र। प्रदर्शन के दौरान जैसे ही रजिस्ट्रार गाड़ी लेकर जाने लगे तो विद्यार्थियों ने उनको घेर लिया। विद्यार्थियों, रजिस्ट्रार व चीफ वार्डन डॉ आईएम कायमखानी के बीच लम्बी बहस चली, लेकिन विद्यार्थी नहीं माने। विद्यार्थियों ने ढोल बजाकर प्रशासन काेे अपनी मांगों की ओर ध्यान देने को कहा। विद्यार्थियों ने तख्ती लेकर विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने हॉस्टल को यथावत चलाने की मांग की। साथ ही जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने और पुुुराने छात्रों को हॉस्टल में ही रहने की अनुमति देने की मांग रखी। विद्यार्थियों ने भवन के बाहर करीब 2 घंटे तक आदिवासी डांस किया। विद्यार्थिंयों ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासनिक भवन के बाहर ताला जड़ दिया। इसके बाद भी माफी देर तक प्रदर्शन किया। भवन के बाहर लंबे समय के बाद इस तरह का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। जिसमे विद्यार्थिंयों का गुट प्रशासन पर भारी पड़ा। विद्यार्थिंयों ने किसी भी विवि कर्मचारी को बाहर नहीं जाने दिया।