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खुले बरामदे, देवरे एवं पंचायत भवन में बैठ पढऩे की मजबूरी

locationउदयपुरPublished: Oct 19, 2019 02:43:39 am

Submitted by:

Manish Kumar Joshi

यह कैसा आदर्श विद्यालय : सिर्फ 6 कमरे और 675 विद्यार्थी, चपरासी, प्रधानाचार्य सहित 10 पद रिक्त

खुले बरामदे, देवरे एवं पंचायत भवन में बैठ पढऩे की मजबूरी

खुले बरामदे, देवरे एवं पंचायत भवन में बैठ पढऩे की मजबूरी

पारसोला . कस्बे के समीप आड़ गांव के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थिति बदहाल बनी हुई है जिसमें करीब 675 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं मगर कमरों की संख्या महज छह है। एेसे में विद्यार्थियों को खुले बरामदे, देवरे एवं पंचायत भवन में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है।
विद्यालय वर्ष 2010 में उच्च प्राथमिक से माध्यमिक और वर्ष 2014 में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ मगर नौ वर्ष बाद भी विद्यालय में सुविधाएं उच्च प्राथमिक की स्तर की ही हैं। विद्यालय के 6 में से चार कक्षा कक्ष जर्जर हालत में हैं। कक्षा कक्ष छोटे होने से आधे विद्यार्थी कमरे में तो आधे बरामदे में पढ़ रहे हैं। आलम यह है कि देवरे एवं ग्राम पंचायत के पुराने भवन में विद्यार्थियों को अध्यापन करवाना पड़ रहा है। विद्यालय में छात्र संख्या ज्यादा होने से हर मौसम में दो से तीन कक्षाएं एक साथ खुले बरामदे में चलानी पड़ रही हैं।
विद्यालय में पोषाहार के लिए एक छोटा पुराना एवं जर्जर केलूपोश कमरा बना हुआ है। वर्ष 2016-17में आईसीटी के तहत 14 कम्प्यूटर सेट आए थे जो भवन एवं ट्रेनर के अभाव में धूल फांक रहे हैं। मूलभूत सुविधा नहीं होने से छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। विद्यालय में प्रधानाचार्य सहित कुल 24 पद स्वीकृत हैं जिसमें से प्रधानाचार्य, द्वितीय श्रेणी विज्ञान व संस्कृत के वरिष्ठ अध्यापक, लेवल एक में एक, लेवल दो में दो शिक्षक, शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालय प्रभारी, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित 10 पद रिक्त हैं। विद्यालय में एक भी चपरासी नहीं होने से शिक्षकों के साथ बच्चों को साफ-सफाई का कार्य करना पड़ रहा है।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य नरेन्द्र मीणा ने बताया कि विद्यालय में नामांकन अधिक एवं कक्षा कक्ष कम होने से खुले में और पास के भवन व देवरे में पढ़ाना मजबूरी है। टीएडी ने वर्ष 2017-18 में 54 लाख रुपए की लागत से 5 कक्षा कक्ष बनवाए लेकिन वह भवन से गांव दूर है। साथ ही चारदीवारी, किचन शेड एवं बालिकाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। सरपंच हकरी देवी मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायत ने सामाओटा रोड पर विद्यालय के लिए 10 बीघा जमीन आवंटित की जिस पर टीएडी ने पांच कक्षा कक्ष का निर्माण करवाया और दो कक्षा कक्ष की नई स्वीकृति हुई है लेकिन जमीन पहाड़ी पर होने से समतलीकरण के बाद ही दो कक्षा कक्ष का निर्माण हो पाएगा। पेयजल के लिए ग्राम पंचायत ने हैण्डपम्प लगा रखा है एवं चारदीवारी के लिए भी प्रस्ताव लिया जायगा।
बालिका विद्यालय की दरकार
गांव के बाबरमल, महिपाल चौधरी, शान्तिलाल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में बालिकाएं शिक्षा के प्रति जागरूक हैं। वर्तमान में करीब 300 बालिकाएं अध्ययनरत हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में बालिका माध्यमिक विद्यालय स्वीकृत किया जाए। नए विद्यालय भवन में बालक विद्यालय संचालित किया जाए तो भवन की समस्या का समाधान भी हो जायगा।

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