भंडारी का मानना था बिना अनुशासन के संगठन में मर्यादा संभव नहीं : श्रीमाली
उदयपुरPublished: Jun 23, 2020 12:09:46 pm
सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर भाजपा ने दी पुष्पांजलि
सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर भाजपा ने दी पुष्पांजलि
उदयपुर. स्व. सुंदर सिंह भंडारी ने एक शिल्पकार की तरह संगठन में कार्यकर्ताओं का निर्माण किया। उनका जीवन सादगी पूर्ण एवं मर्यादित अनुशासित था और इसी प्रकार से संगठन की व्यवस्था में सदैव उनका दखल रहता था। उनका मानना था अनुशासन के बिना संगठन में मर्यादा संभव नहीं है।
यह बात भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य, बिहार एवं गुजरात के पूर्व राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी की 15वीं पुण्यतिथि पर सोमवार को भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली ने कही। गोवर्धनसागर स्थित स्वर्ण जयंती पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रीमाली ने कहा कि भंडारी की जनसंघ से लेकर भाजपा की विकास यात्रा में अहम भूमिका रही।
ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि भंडारी ने जीवन भर अपने सरल जीवन और उच्च विचारों के साथ शांत भाव से जीवन को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया। भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य ताराचंद जैन ने भंडारी को राजनीति का संत बताते हुए कहा कि जिस प्रकार संत अपने जीवन शैली से और अपनी वाणी से समाज की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाता उसी प्रकार भंडारी ने जीवन शैली से संगठन को तराशा है। पूर्व प्रदेश मंत्री प्रमोद सामर ने भंडारी की जीवन के कई उदाहरण रखे। इस अवसर पर महापौर जी.एस. टांक, उप महापौर पारस सिंघवी, पूर्व महापौर चन्द्रसिंह कोठारी,पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत,भाजपा के वरिष्ठ नेता कुंतीलाल जैन, महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री डॉ अलका मूंदड़ा, पार्षद राकेश जैन, आशीष कोठारी, धीरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।
इधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जयपुर से श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जीवन अत्यंत सरल,सादगी से परिपूर्ण था।