सूरत के कॉम्पलेक्स में लगी आग से छात्रों की मौत की तस्वीरें देखने से पहले लोग आंखें बंद कर लेते हैं क्योंकि इस शहर में भी प्रशासन बेखबर है। शहर की बहुमंजिला इमारतों में फायर से बचने के संसाधन नहीं लगे हैं। निगम व यूआईटी ने भी कभी सख्ती नहीं दिखाई जिसके चलते ऐसी इमारतों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। नए विस्तार वाले इलाकों में तो आज भी इमारतें खड़ी हो रही है लेकिन किसी ने जाकर फायर सिस्टम के बारे में पूछा तक नहीं।
नोटिस दे दिए लेकिन कार्रवाई के नाम पर जीरो
जानकार सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने शहर में करीब 282 बहुमंजिला इमारतों को नोटिस दिया है, इसमें आवासीय, होटल, चिकित्सालय आदि है। चिंता की बात यह है कि शहर में ऐसी बहुमंजिला इमारतों में फायर सिस्टम नहीं होने पर नोटिस देने के अलावा कुछ नहीं किया। इनकी संख्या बढ़ती गई। दूसरी बात यह है कि जिनको नोटिस थमाया उन्होंने निगम के नोटिस का न तो जवाब दिया और न उसकी पालना की।
जानकार सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने शहर में करीब 282 बहुमंजिला इमारतों को नोटिस दिया है, इसमें आवासीय, होटल, चिकित्सालय आदि है। चिंता की बात यह है कि शहर में ऐसी बहुमंजिला इमारतों में फायर सिस्टम नहीं होने पर नोटिस देने के अलावा कुछ नहीं किया। इनकी संख्या बढ़ती गई। दूसरी बात यह है कि जिनको नोटिस थमाया उन्होंने निगम के नोटिस का न तो जवाब दिया और न उसकी पालना की।
186 जोखिमपूर्ण इमारतों की सूची यूआईटी के पास बड़ी बात यह है कि नगर निगम व यूआईटी को कार्रवाई करनी है लेकिन दोनों के बीच फाइलों को इधर-उधर करने का काम चल रहा है। निगम ने जिन 282 बहुमंजिला इमारतों को नोटिस दिया उनमें से 186 बहुमंजिला इमारतों की सूची यूआईटी सचिव के पास भेज दी। उसमें लिखा कि ये इमारतें आपके क्षेत्राधीन है और इनमें फायर सेफ्टी के उपकरण तक नहीं है, ऐसे में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
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282 में से 186 की सूची यूआईटी को देने के बाद बचे नोटिस वाले नामों की सूची फायर स्टेशन से नगर निगम के राजस्व शाखा के पास गई। जिसमें कहा गया कि इन बिल्डिंगों में फायर सिस्टम को सुनिश्चित कराया जाए लेकिन निगम ने वहां कुछ नहीं किया। बताते है कि शहर में इन चिन्हित बहुमंजिला इमारतों में मानव जीवन पूर्ण रूप से खतरे में है लेकिन किसी को चिंता नहीं है।
282 में से 186 की सूची यूआईटी को देने के बाद बचे नोटिस वाले नामों की सूची फायर स्टेशन से नगर निगम के राजस्व शाखा के पास गई। जिसमें कहा गया कि इन बिल्डिंगों में फायर सिस्टम को सुनिश्चित कराया जाए लेकिन निगम ने वहां कुछ नहीं किया। बताते है कि शहर में इन चिन्हित बहुमंजिला इमारतों में मानव जीवन पूर्ण रूप से खतरे में है लेकिन किसी को चिंता नहीं है।
70 मीटर वाली दमकल खरीद भी पेंच में फंसी करीब तीन साल से ज्यादा समय हो गया शहर में 70 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आग बुझाने की क्षमता वाली दमकल खरीदने की फाइल चल रही लेकिन उस पर पेंच ही लगा हुआ है। आपदा विभाग से बजट मिल गया तो यहां दमकल नहीं खरीदी, फाइल जयपुर चली गई, बाद में यहां तय हुआ कि निगम खरीद ले अपने स्तर पर, फिर आदेश आया कि सरकार ही खरीदेगी। इस बीच करीब तीन साल निकल गए, अभी स्वायत्त शासन विभाग ने टेंडर किए, करीब 12 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत वाली इस दमकल के लिए टेंडर में एक ही फर्म आई, सरकार उससे खरीदने या नहीं खरीदने का निर्णय नहीं कर सकी और टेंडर निरस्त कर दिया। अब फिर से टेंडर प्रक्रिया होगी तब यह मामला अटक गया।
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इनका कहना है…
बहुमंजिला इमारतों जिनमें फायर सिस्टम नहीं है उनको नोटिस हमने दिए है। यूआईटी के क्षेत्राधीन इमारतों के लिए सूची यूआईटी को दे दी है। कार्रवाई संबंधित एजेंसियों को करनी है। – जलज घसिया, फायर अधिकारी
बहुमंजिला इमारतों जिनमें फायर सिस्टम नहीं है उनको नोटिस हमने दिए है। यूआईटी के क्षेत्राधीन इमारतों के लिए सूची यूआईटी को दे दी है। कार्रवाई संबंधित एजेंसियों को करनी है। – जलज घसिया, फायर अधिकारी