उदयपुर

Swacchta Survekshan 2019 : उदयपुर प‍िछले साल टॉप 100 शहरों में था, इस बार है 137वें नंबर पर.. प‍िछड़ने की ये हैं वजहें..

इन्दौर देखा-समझा, उदयपुर फिर भी पिछड़ा, प्रोसेसिंग प्लांट व दस्तावेज अपलोडिंग के नंबर गेम में पिछड़े

उदयपुरMar 07, 2019 / 01:26 pm

madhulika singh

Swacchta Survekshan 2019 : उदयपुर प‍िछले साल टॉप 100 शहरों में था, इस बार है 137वें नंबर पर.. प‍िछड़ने की ये हैं वजहें..

मुकेश ह‍िंंगड़/उदयपुर . स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के करीब 48 दिन बाद ही परिणाम घोषित कर दिया गया। उदयपुर पिछले वर्ष टॉप 100 शहरों में 85वें नंबर पर था। सुधार के बजाय इस बार रैंकिंग गिर गई, हम 137वें नंबर पर लुढक़ गए हैं। अब कारण व कमियां कुछ भी गिनाई जाए लेकिन कुल मिलाकर हम पीछे रहे हैं। प्रदेश की रैंकिंग में राजधानी जयपुर के बाद उदयपुर दूसरे नंबर पर रहा है। देश में नंबर वन इन्दौर शहर को नगर निगम की टीम ने वहां जाकर देखा और समझा था। इसमें सामने आया था कि सोसायटी, गार्डन व होटल आदि में प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएं, यहां इस पर चर्चा और बैठकें भी हुई लेकिन काम नहीं हुआ और आखिर नंबर गेम में हम पीछे हो गए।

समझे कैसे पीछे हुए हम

1. डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में अव्वल

उदयपुर का डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1250 में से 1164 अंक स्कोर किए। इसमें सबसे बड़ा फायदा रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड व सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई से हुआ। केन्द्रीय टीम ने करीब एक सप्ताह से ज्यादा समय उदयपुर में रहकर जो आकस्मिक निरीक्षण किया और फीडबैक लिया, उसमें उदयपुर की स्थिति ठीक रही। इस निरीक्षण में नालियों की नियमित साफ-सफाई, कचरा उठाने से लेकर घर-घर कचरा ले जाने वाली गाड़ी को लेकर भी जानकारी शामिल थी।
2. सिटीजन फीडबैक : काम में रही कसर

1250 में से 939 अंक मिले। इसमें ऑनलाइन एप के जरिए आने वाली शिकायतों की संख्या और उनके निस्तारण करने की अवधि से नंबर दिए गए हैं। वैसे इसमें स्थिति ठीक रही लेकिन इसमें और अधिक काम करवाया जाता तो स्कोर और बेहतर होता। इसमें स्वच्छता एप व वेब पोर्टल से आई शिकायतें भी शामिल की गई थी।
3. सर्विस लेवल प्रोग्रेस में बहुत पीछे

उदयपुर ने इसमें 1250 में से 390 अंक अर्जित किए। इसमें बहुत नुकसान हुआ है। इसमें दस्तावेज, काम की स्थिति की रिपोर्ट सहित करीब 33 प्रकार की जानकारियां ऑनलाइन एमआईएस पोर्टल पर अपलोड करनी थी। इसमें जमीनी स्तर पर कुछ और मिलता है तो माइनस मार्किंग होगी। इसमें मुख्य रूप से उप विधियां, कैपेसिटी बिल्डिंग, व्यवहार में बदलाव, सतत् स्वच्छता, इनोवेशन, कचरा संग्रहण व कचरा परिवहन संसाधन, कचरा प्रसंस्करण और निस्तारण आदि बिन्दु शामिल थे।
4. सर्टीफिकेशन ले डूबा

हमारा स्कोर 1250 में से 150 रहा। यह कचरामुक्त शहर व वार्डों को लेकर नंबर गेम था। इसमें गीला-सूखा कचरामुक्त शहर करने के लिए बड़ा काम करना था, जिसमें आवासीय, कामर्शियल, होटल, गार्डन, औद्योगिक क्षेत्र, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व प्रमुख पर्यटन स्थल आदि क्षेत्रों में कचरा निस्तारण के प्रोसेसिंग प्लांट लगाना था।
उदयपुर को पीछे धकेलने में प्रमुख कारण

– स्वच्छता की परीक्षा से पूर्व नगर निगम आयुक्त का पद खाली हुआ
– जनप्रतिनिधियों ने इस बार वार्डवार जागरूकता अभियान नहीं चलाया

– नगर निगम ने एप डाउनलोड करवाने का काम ही नहीं किया
– दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने में कमी सामने आई
– इन्दौर जाकर आए लेकिन उनकी तर्ज पर प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगा पाए


प्रोपर मॉनिटिरिंग नहीं

इस काम को देख रहे आयुक्त का तबादला हो गया। बाद में इस काम में गेम हो गया, प्रोपर मॉनिटिरिंग नहीं हो सकी, उसका नुकसान भुगतना पड़ा।
– गुलाबचंद कटारिया, विधायक व नेता प्रतिपक्ष

महापौर बोले अच्छा भी किया, कुछ कमियां भी रही

सुधार हो रहा था, नए प्रयोग भी किए थे। सफाईकर्मियों की भर्ती से ज्यादा फायदा होना था, लेकिन पुराने ठेकेदार के कर्मचारी अभ्यस्त थे। इनकी बीट भी बदली थी, उसका प्रभाव हुआ। कचरा संग्रहण के लिए दो सब संग्रहण स्टेशन बना रहे थे लेकिन विरोध से काम अटक गया। ठोस कचरा निस्तारण के काम को मुकाम पर नहीं पहुंच सके। स्मार्ट सिटी सीईओ व आयुक्त का पद खाली रहा था तो इस बार चार की बजाय पांच हजार नंबर सर्वेक्षण के थे जिसका भी प्रभाव रहा है।
– चन्द्रसिंह कोठारी, महापौर, नगर निगम
 

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स्वच्छता की रैंकिंग इसलिए होती

सर्वेक्षण का उद्देश्य कस्बों और शहरों को रहने का बेहतर स्थान बनाना है। समाज के सभी वर्गों में जागरूकता उत्पन्न की जाए। नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जाए। लोगों को भी इसमें जोड़ा जाए और जागरूकता पर भी काम किया जाए।

उदयपुर एक नजर में

– 137 नंबर राष्ट्रीय रैंकिंग (425 में से)
– 02 नंबर राज्य रैंकिंग (28 में से)

– 2642.79 स्कोर (5000 में से)
– 55 वार्ड नगर निगम सीमा में

– 451100 जनसंख्या (2011)
– 4236 सिटीजन ने फीडबैक दिया
 

उदयपुर के अब तक के परिणाम
2019 में 137 वें स्थान पर

2018 में 85 वें स्थान पर
2017 में 310वें स्थान पर

2015 में 417वें स्थान पर
2010 में 262वें स्थान पर

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