उदयपुर. महिला कृषकों को खेत में काम करते समय विशेष परिधान, मास्क आदि का उपयोग करना चाहिए। साथ ही पोषक आहार, शारीरिक स्वास्थ्य, स्वावलंबन आत्मनिर्भरता, दक्षता विकास के साथ ही परिवार और बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। यह बात प्रो. ऋतु सिंघवी ने कही। वे महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की ओर से पंचायत समिति सायरा के गोद लिए गए आदर्श ग्राम विशमा में विश्व कृषक महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। इस आयोजन में 100 से अधिक कृषक महिलाओं ने हिस्सा लिया। अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक प्रोफेसर एसएल मूंदड़ा ने बताया कि यहां के ग्रामीण कृषकों एवं महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय के सभी वैज्ञानिक सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं यह उनके लिए घर बैठे गंगा के समान है। विशिष्ट अतिथि एवं आदर्श ग्राम हाईला और विशमा के नोडल अधिकारी प्रो. आईजे माथुर ने बताया कि विश्वविद्यालय गत एक साल से इन गांवों में कार्य कर रहा है तथा यहां की महिलाओं ने 10 से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए हैं। इस अवसर पर मात्स्यकी विशेषज्ञ डॉ. एमएल ओझा ने महिलाओं को मत्स्य बीज पालन व बहुरंगी मछली पालन से आय प्राप्त करने की जानकारी दी। कार्यक्रम में विशेष अतिथि मात्स्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. सुबोध शर्मा ने कृषि में ग्रामीण महिलाओं के योगदान की सराहना की। साथ ही पोषक आहार में मछली के महत्व, शारीरिक स्वास्थ्य एवं बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की सलाह भी दी। संचालन प्रसार शिक्षा निदेषलय की प्रो. लतिका व्यास ने किया। इस अवसर पर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की प्रो. विशाखा बंसल, शिप्रा, डॉ. सुमित्रा मीना, राजीविका समूह की आरती गौतम, आईसीआईसीआई बैंक के रवि चौहान, शाला के प्रधानाध्यापक बंसी लाल सालवी व रितु गिलूंडिया ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं ने जागरुकता के गीत गाए तथा प्रश्नोत्तरी में भाग लिया। इसमें प्रथम रही 5 महिलाओं को पुरस्कृत किया गया।