scriptचाय उबाल की इलेक्ट्रिक सिगडिय़ां फूंक रही दशकों पुराने बिजली के तार | Tea boiling electric vehicles of boiling decades old electric wire | Patrika News

चाय उबाल की इलेक्ट्रिक सिगडिय़ां फूंक रही दशकों पुराने बिजली के तार

locationउदयपुरPublished: Jun 23, 2019 10:52:51 am

Submitted by:

Bhuvnesh

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल – अधिकांश वार्डों में चलतेहैं बिजली के हीटर

अधिकांश वार्डों में चलतेहैं बिजली के हीटर

अधिकांश वार्डों में चलतेहैं बिजली के हीटर

भुवनेश पण्ड्या
उदयपुर. महाराणा भूपाल हॉस्पिटल के वार्ड-वार्ड चल रही बिजली की सिगडिय़ां दशकों पुराने बिजली के तारों को फूंक रही हैं। आए दिन लाइट्स की ट्रिपिंग होने व शॉर्ट सर्किट होने का एक बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है। यहां हर वार्ड में तय क्षमता से अधिक एम्पीयर की इलेक्ट्रिक सिगडिय़ां बिना स्वीकृति चाय उबालने के लिए चलाई जा रही हैं। हालात ये है कि कई वार्डों में तो जहां-जहां सिगड़ी चलाई जा रही है, वहां-वहां प्लग जलकर काले हो चुके हैं। रखरखाव के नाम पर यहां कार्मिक केवल खानापूर्ति ही करते हैं।
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ये है वार्डों के हाल केस एकमहाराणा भूपाल हॉस्पिटल के ऊपरी तल पर कुछ माह पूर्व शिफ्ट हुए जनाना आईसीयू के अन्दर धडल्ले से इलेक्ट्रिक सिगड़ी चलाई जा रही है। प्रभारी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्हें मालूम नहीं है कि इससे कुछ बिजली की परेशानी हो सकती हैं। इसमें कुछ प्लग जले हुए साफ नजर आ रहे थे। जिस कक्ष में हीटर चलाया जाता है उससे कुछ दूरी पर ही आक्सिजन के सिलेडर रखे हुए हैं। ऐसे में हादसे की भी पूरी संभावना रहती है। यहां हीटर के आसपास चाय के कप और टी-पोट रखा हुआ था। —-केस दो सर्जिकल पुरुष वार्ड आठ में भी स्टाफ कक्ष में हीटर चलाया जा रहा है। इस हीटर पर भी चाय उबलती है। ये वार्ड खस्ताहाल है। यहां दीवारों पर सीलन है, तो प्लास्टर तक उखड़ रहा है, इसके बीच से बिजली के तार लगाए गए हैं। बारिश के दिनों में दीवार में कंरट फैलने की समस्या भी हो सकती है। प्रभारी मोहनलाल मेघवाल ने बताया कि इसे ठीक करने के लिए पत्र अधिकारियों को दे रखा है। उन्होंने कहा कि यदि सिगड़ी से कोई समस्या हो रही हो तो हमें हटाने में कोई एतराज नहीं है।
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केस तीन मेडिसिन वार्ड 105 में इलेक्ट्रिक चुल्हा लगा रखा है। बकायदा इस पर चाय उबलती है। प्रभारी से पूछने पर उन्होंने सिर्फ हां में सिर हिला दिया।
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इसलिए ही होता है शॉर्ट सर्किट पीडब्ल्यूडी के अभियन्ता (इलेक्ट्रिक सेक्शन) रवीन्द्र राठौड़ ने बताया कि पुरानी बिजली लाइन पर यदि इस तरह से हीटर चलाए जाते हैं तो शॉर्ट सर्किट होने की संभावना बढ़ जाती है। इतना ही नहीं अन्दर लाइन यदि पांच एम्पीयर की डली हुई है और वहां पर पावर उपयोग अधिक हो रहा है, यानी करीब 15 एम्पीयर का हो रहा है तो लाइन जलने से लेकर ट्रिपिंग और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हीटर दो हजार वाट के होते हैं, ऐसे में यदि लाइन कमजोर है तो शॉर्ट सर्किट होना ही है।
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शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए पूरी लाइन की जांच करवाएंगे, जहां कहीं दिक्कत हो रही है, उसे ठीक करेंगे। यदि हीटर से इस तरह की समस्या सामने आ रही है, तो इसका कोई विकल्प तलाशेंगे ताकि सुरक्षा बनी रहे.
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल उदयपुर

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