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शिक्षिकाओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर, स्कूलों में प्रशिक्षण देंगे पुरुष

locationउदयपुरPublished: Dec 15, 2019 01:54:15 am

Submitted by:

surendra rao

कई स्कूलों में शिक्षिकाएं नहीं होने से बनी स्थिति, ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण जारीआत्मरक्षा के लिए स्कूली छात्राओं को करना है तैयार

Teachers should be taught self defense tricks

शिक्षिकाओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर, स्कूलों में प्रशिक्षण देंगे पुरुष

उदयपुर.स्कूली छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से संभाग स्तर पर शारीरिक शिक्षिकाओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाया गया। सरकार की मंशा है कि स्कूली छात्राओं को शारीरिक शिक्षिका या शिक्षिका बेहतर तालमेल के साथ प्रशिक्षण दे पाएंगी लेकिन ब्लॉक स्तर पर आते आते इस व्यवस्था में शिक्षिकाओं की जगह शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो गई। सवाल उठने शुरू हो गए है कि जब केआरपी के तहत शारीरिक शिक्षिकाओं को ही ट्रेंड किया गया तो फिर ब्लॉक स्तर पर भी शिक्षिकाओं को ही प्रशिक्षण में शामिल करना चाहिए था, लेकिन अधिकांश ब्लॉक में पुरुषों को प्रशिक्षण देने का काम हो रहा है जिन्हें आगे स्कूल में छात्राओं को प्रशिक्षण देना है।
शिक्षिका ही नहीं तो क्या करें…
सरकार ने आदेश तो जारी कर दिए कि संभाग स्तर पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में शारीरिक शिक्षकाओं को आत्मरक्षा की तकनीक और मार्शल आर्ट सिखाना है लेकिन स्कूल स्तर पर यह संभव होगा या नहीं यह नहीं सोचा। अधिंकांश ब्लॉक में एेसे विद्यालय भी हैं जहां न तो शारीरिक शिक्षिका है और न ही शिक्षिका, जबकि उस उच्च प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में बालिकाएं पढ़ती है।
यहां एेसे हाल
जिले के अलग-अलग ब्लॉक में आयोजित १० दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों की स्थिति पर नजर डालें तो झल्लारा में ६४ में से २२ शिक्षक, कुराबड़ में ६३ में से ८, गोगुंदा में ५१ में से २३, ऋषभदेव में ७१ में से १६, भीण्डर में १८३ में से १०८ पुरु षों को मास्टर ट्रेनर की ओर से आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है।
सिखा रहे हैं तकनीक
छात्राओं को आत्मरक्षा में दक्ष बनाने के लिए सभी विद्यालयों में शारीरिक शिक्षिका या उनके अभाव में अन्य शिक्षिका को मास्टर ट्रेनर ब्लॉक शिविर में तकनीक सिखा रहे हैं। जहां शिक्षिका पदस्थापित ही नहीं है और बालिकाएं उस विद्यालय में नामांकित है तो उन्हें भी प्रशिक्षण देना है इसलिए शिक्षक को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाए।
शिवजी गौड़, संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा

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