उदयपुर

रिहा हुआ तेजाराम

उदयपुर पुलिस की कार्रवाई झूठी साबित

उदयपुरDec 04, 2020 / 12:15 am

Pankaj

रिहा हुआ तेजाराम

उदयपुर . जेल से तेजाराम की रिहाई की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही समर्थक सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता केंद्रीय कारागृह के बाहर पहुंच गए। यहां खड़े लोगों ने उदयपुर पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी की, वहीं सरकार और उच्चाधिकारियों के प्रति आभार जताया। शाम 7.30 बजे रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने पर 8 बजे तेजाराम बाहर आया। यहां कार्यकर्ताओं ने मालाएं पहनाकर, मुंह मीठा करवाकर तेजाराम की अगवानी की। इस दौरान तेजाराम ने कहा कि ‘करीब चार माह से जेल में था। मुझे गाड़ी चलाना भी नहीं आता, अनपढ़ देखकर पकड़ लिया और तस्करी की गाड़ी का ड्राइवर बता दिया। पहले बताया नहीं कि कहां ले जा रहे हैं और वल्लभनगर ले गए। वहां 5 दिन पुलिस कस्टडी में रखा। थानेदार ने पट्टे मारे और जबरन गुनाह कबूलने के लिए दबाव बनाया। मुझे छोडऩे वाले थानेदार सुमेरसिंह पर भी रुपए लेकर छोडऩे का आरोप लगाया। मैं तो तस्करों को जानता भी नहीं, यहां जेल में आने पर पता उनसे मिला, जिनका साथी मुझे बताया। मैं किसान हूं, गरीब आदमी हूं, मेरा तस्करी से कोई लेना देना नहीं। निर्दोष हूं इसलिए लोगों ने मेरी मदद की, सभी का धन्यावाद।’

यह है तेजाराम की पूरी कहानी
गौरतलब है कि 15 मई, 2019 को भटेवर चौराहे पर नाकाबंदी में 353 किग्रा डोडा चूरा जब्त किया गया था। उस दौरान श्यामलाल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। वल्लभनगर के तत्कालीन डीएसपी संजयसिंह के निर्देशन में यह कार्रवाई हुई थी। पूछताछ में आरोपी श्यामलाल ने आधी अधूरी जानकारी दी। खेरोदा थाने में केस दर्ज होने पर वल्लभनगर थानाधिकारी महिपालसिंह को जांच सौंपी गई। प्रकरण की जांच के दरमियान ही सुमेरपुर (पाली) थाना पुलिस ने दूसरे आरोपी उमेश को गिरफ्तार किया था। वल्लभनगर थाना पुलिस ने आरोपी उमेश को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। इसी दौरान थानाधिकारी महिपालसिंह का स्थानान्तरण हो गया। नए थानाधिकारी सुमेरसिंह ने जांच में तेजाराम से पूछताछ की और निर्दोष मान छोड़ दिया। डोडा चूरा तस्करी के एक अन्य केस में सुमेरसिंह पर लेनदेन का आरोप लगने पर सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद नियुक्त हुए थानाधिकारी गजसिंह ने 7 अगस्त को तेजाराम को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट के आदेश पर 10 अगस्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। तेजाराम को गलत फंसाना बताते हुए सामाजिक संगठनों और सुमेरपुर के ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू किया तो मामला सरकार स्तर पर पहुंचा। सीआईडी-सीबी से जांच के आदेश हुए और आखिर तेजाराम के आरोपी होने के साक्ष्य अपर्याप्त मानते हुए रिहाई की प्रक्रिया शुरू करवाई गई।

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