तेंदूपत्ता की 74 इकाइयां एक साथ उठी, 28 करोड़ की पेशकश
कोविड के बावजूद भी उत्साह था व्यापारियों में

उदयपुर. मेवाड़ के जंगलों में होने वाले तेंदूपत्ते ने सरकार को मालामाल किया है। असल में इस बार नीलामी से पहले कोविड की वजह से बाजार में आई गिरावट का डर था लेकिन यहां उसके उलट हुआ और एक साथ 74 ही इकाइयां नीलाम हो गई है। इससे पहले की नीलामी में एक साथ 40 से ज्यादा इकाइयों की नीलामी तक नहीं हुई थी।
यहां चेतक वन भवन में हुई नीलामी में राजस्थान, गुजरात व मध्यप्रदेश के व्यापारी पहुंचे, इसमें भी प्रदेश के व्यापारी ज्यादा थे। जैसे ही नीलामी शुरू हुई तो एक-एक कर 74 ही इकाइयां नीलाम हो गई। शाम बाद वन विभाग की टीम ने नीलामी की गणना की जिसमें सामने आया कि 28.69 करोड़ पेशकश वन विभाग को मिली है।
अभी वन विभाग को चिंता इस बात की है कि नीलामी में इकाइ लेने वाले बाद में नहीं आते है तो फिर से नीलामी की प्रकिया उन इकाइ की करनी होगी। वैसे 2020 में 74 में से 45 इकाइयां पहली नीलामी में उठी ही नहीं थी, बाद में फिर हुई नीलामी में ये इकाइयां नीलाम हुई थी। तेंदूपत्ता बीड़ी बनाने में काम आता है और उसके व्यापारी ही इस नीलामी में भाग लेते है।
छह मंडलों के लिए 294 निविदाएं मिली
वन मंडल उदयपुर, उदयपुर उत्तर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, प्रतापगड़ जिले के वन खंडों में ये 74 इकाइयां है। इनके लिए वन विभाग को 294 निविदांए मिली थी।
इनका कहना है..
तेंदूपत्ता इकाइयों की नीलामी में अच्छा उत्साह देखा गया। पूरी प्रक्रिया कोविड गाइड लाइन के अनुसार की गई। इस बार पहले से ज्यादा राजस्व की पेशकश मिली है।
- राजकुमार सिंह, मुख्य वन संरक्षक
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