dharma samaj news : ब्याह रचाने शाही लवाजमे के साथ पहुंचे ठाकुरजी
बंदूकों की सलामी के साथ किया तोरण वंदन
उदयपुर
Updated: April 22, 2022 06:09:40 pm
मेवाड़ी पोषाक में पहुंचे बाराती
उदयपुर जिले के मेनार कस्बे के प्राचीन ठाकुरजी मंदिर से दोपहर बाद शाही लवाजमे के साथ ठाकुरजी की बारात चौरवडी के लिए निकली। बारात प्रस्थान से पूर्व ओंकारेश्वर चौक पर महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए रोड़ी पूजन एवं वर निकासी रस्म का निर्वहन किया।
ठाकुरजी का मनोरम शृंगार हुआ, पिछवाई से सजे धजे ठाकुरजी को रथ में विराजित किया गया। ओंकारेश्वर चौक से बैंडबाजे के मधुर गीतों के साथ बारात का लवाजमा राजसी ठाट बांट से रवाना हुई। सभी बाराती धोती कुर्ता और कुसुमल लाल पाग धारण किए हुए थे। बारात का इंटाली और नीलोद पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया।
वहीं बडग़ांव कांटा, रोहिड़ा और गवारड़ी के ग्रामीणों द्वारा ड्रोन से पुष्प वर्षा कर ग्रामीणों द्वारा स्वागत किया गया। वहीं देर शाम चोरवड़ी पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए। इस दौरान स्वागत में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। ह•ाारों की संख्या में उमड़े बारात में श्रद्धालुओं के कारण बारात का एक छोर से दूसरे छोर के बीच ढाई किलोमीटर की दूरी थी। जिससे मेनार से चौरवड़ी तक का पूरा माहौल कृष्ण भक्ति से सरोबार हो गया।
मेनार से फतहनगर मार्ग जयकारों से गूंज उठा। पूरे मार्ग में ग्रामीणों ने बारात का स्वागत किया गया। वहीं बरात के चौरवड़ी में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने बारात का स्वागत कर भगवान ने बग्गी पर बैठकर तोरण की रस्म अदा की। चौरवड़ी में इस विवाह का लाभ जीवराज ठाकरोत परिवार द्वारा लिया गया। रात्रि सवा 9 बजे माता तुलसी ठाकुरजी के साथ परिणय सूत्र में बंधी। महिलाओं ने मंगल गीत गाये। वहीं माता तुलसी को साड़ी व आभूषण पहनाकर आकर्षक ढंग से सजाया गया, तो भगवान भी अमर शाही पाग, कसुमल वस्त्रों से सुसज्जित थे।
25 किमी दूरी को तय करने ने लगे 5 घण्टे
बारात में इतना बड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब था कि मेनार से चौरवडी तक 25 किमी दूरी तय करने में पांच घंटे का समय लगा। सभी बाराती अनुशासन के साथ पहुंचे। पिछले 3 दिन में ङ्क्षबदौली और गोमारणी के आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए, बारात का कार्यक्रम भी बड़े अनुशासित तरीके से गई, बिना किसी पुलिस जाब्ते और ट्राफिक पुलिस के इस समारोह में अनुशासन दिखा।
तोरण पर बंदूकों की सलामी दी
तोरण और हमेला रस्म के दौरान बंदूकों की सलामी दी गई। बारातियों की एक जैसी पोशाक और मेवाड़ी लाल पाग, जगमगाती कलंगी ने सबको सम्मोहित सा कर दिया। सभी बाराती बाइक , कार और बसों में सवार होकर गए।

ब्याह रचाने शाही लवाजमे के साथ पहुंचे ठाकुरजी
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