जलियांवाला बाग
नाटक जलियांवाला बाग की कहानी देश में अंग्रेजी हुकूमत के काले कारनामे को याद दिलाते हुए आज भी रोंगटे खड़े कर देती है। इस दर्दनाक कत्लेआम में करीब 400 लोग मारे गए जिसमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे।
नाटक जलियांवाला बाग की कहानी देश में अंग्रेजी हुकूमत के काले कारनामे को याद दिलाते हुए आज भी रोंगटे खड़े कर देती है। इस दर्दनाक कत्लेआम में करीब 400 लोग मारे गए जिसमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे।
नाटक का पाŸव संगीत व ध्वनि प्रभाव जहां प्रभावी रहे, वहीं उदयपुर के कलाकारों ने अपने सटीक व भावपूर्ण अभिनय से प्रस्तुति को दर्शनीय बनाते हुए अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। नाटक का संगीत व गायन डॉ. प्रेम भण्डारी, संगीत परिकल्पना एवं कोरियोग्राफ ी कुलविंदर बक्सिश, वस्त्र सज्जा माला डे बांठिया आदि ने की। अभिनय में विनय शुक्ला, सिद्धांत, राजेन्द्र, प्रगनेश, रीना, दीपेंद्र, अमित, राज, सेजल, मिलिन्द, गर्वित, हर्ष नरवरिया, दिव्य, शिवांगी, रिया, अभिषेक, निहारिका, हर्ष, अक्षरा, एकलिंग, भवानी, जितेन्द्र, कुलदीप, हिरेन, कृष्णा ने स्वाधीनता के विभिन्न किरदारों को रंगमंच पर सजीव किया।