scriptजिंदगी का कर रहे सौदा, घी में पाम ऑयल और हल्दी में रंग | The deal of life, the color of palm oil and turmeric in ghee | Patrika News

जिंदगी का कर रहे सौदा, घी में पाम ऑयल और हल्दी में रंग

locationउदयपुरPublished: Jul 15, 2019 11:57:01 am

Submitted by:

Bhuvnesh

बेखौफ मिलावटखोर- छह वर्ष में 1525 अनसेफ नमूने
– अब भी थाली में परोस रहे जहर- 3.85 करोड़ रुपए जुर्माना वसूल सरकार खुश

बेखौफ मिलावटखोर

बेखौफ मिलावटखोर

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर . राज्य में मिलावटखोर बेखौफ हैं। वे अपनी जेब भरने के लिए खाद्य सामग्री में ऐसी अखाद्य वस्तुएं मिलाने से भी नहीं डर रहे जो किसी की जिंदगी तबाह कर सकते हैं। गत छह वर्षों में हल्की-फुल्की नहीं, बल्कि अनसेफ मिलावट के डेढ़ हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। अनसेफ मिलावट यानी ऐसे पदार्थ खाने लायक नहीं होते हैं यानी किसी जहर से कम नहीं। खास बात यह है कि सरकार ऐसे मिलावटखोरों से केवल पेनल्टी वसूलती है। जो मामले कोर्ट में पहुंचते हैं, वे भी कानून की पेचीदगी से बच निकलते हैं।
उदयपुर की जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला के अधीन संभाग के छह जिले उदयपुर, राजसमन्द, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और चित्तौडगढ़़ हैं। पिछले दो वर्ष में करीब एक हजार से अधिक नमूने लिए गए, जिनमें से करीब 10 अनसेफ, 25 से अधिक मिसब्रांड और 30 से अधिक सब स्टेडंर्ड सामने आए हैं। इसके बावजूद केवल पेनल्टी से ही वसूली गई। जो मामले न्यायालय में गए,उनमें संबंधित को सजा नहीं मिल पाई। प्रदेश में वर्ष 2013 से जनवरी 19 तक 3.85 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया है। 7272 चालान कोर्ट तक पहुंचे हैं।
यह है नियम एवं जांच प्रक्रिया
प्रदेश में मिलावट करने वालों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम और विनियम 2011 के तहत कार्रवाई होती है। खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के बाद राज्‍य के 6 अनुसंधान केन्‍द्रों एवं खाद्य प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा जाता है। इन अनुसंधान केन्‍द्रों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर को खाद्य नमूने जमा करवाए जाते हैं तथा एफ एसएस एक्‍ट-2006 के अन्‍तर्गत 14 दिवस में इनका निस्‍तारण किया जाता है। विशेष परिस्थितियों में खाद्य नमूनों के विश्‍लेषण की अधिकता के कारण 14 दिवस से ज्‍यादा की अवधि में भी निस्‍तारण हो सकता है। प्रदेश में वर्ष 2015 से पूर्व एफ एसएस एक्‍ट-2006 एवं पीएफ एक्‍ट 1954 के तहत प्राप्‍त हुए खाद्य नमूनों की जांच की गई। नियमानुसार अनसेफ मामले यदि अदालत में पुष्ट हो जाते हैं, तो पांच लाख रुपए जुर्माना और दो साल तक की जेल होने का प्रावधान है।
—-

ऐसे होती है मिलावट
घी में पाम ऑयल, दूध में डिटर्जेंट पाउडर, स्किम्ड मिल्क पाउडर, कास्टिक सोडा, ग्लूकोज, रिफाइंड ऑयल, नमक और स्टार्च की मिलावट होती है। इसी प्रकार हल्दी में रंग व लाल मिर्च में लकड़ी का बुरादा तक मिला होता है।
……….

वर्ष निरीक्षण नमूने सब स्टेंडर्ड मिस-ब्रांड अनसेफ

2013, 25593, 6048, 783, 279, 126

2014, 26689, 6241, 840, 313, 240

2015, 25191, 8735, 1263, 584, 357

2016, 17286, 7284, 773, 658, 240
2017, 15062, 7687, 1124, 616, 291

2018, 11952, 5858, 740, 361, 259

जन-19, 684, 373, 17, 13, 12

———- ———- ——- —- ——— ——-

122,457 42226 5495 2824 1525

———– ———– ——-
भोज्य पदार्थ मिलावटी पदार्थ स्वास्थ्य पर प्रभाव
1. खाद्यान्न, दाले, गुड़, मसाले कंक ड़, पत्थर, रेत, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा आहार तन्त्र रोग, दाँत व आंत रोग
2. चने, अरहर की दाल, खेसारी, केसरी दाल लैथीरस रूग्णता
3. सरसों का तेल आर्जिमोन तेल ऐपिडेमिक ड्रॉफ्सी, तेज बुखार
4. बेसन, हल्दी पीला रंग, मैटानिल प्रजनन तंत्र,पाचन तंत्र, यकृत,गुर्दे
5. लाल मिर्च रोडामाइन.बी यकृत, गुर्दे, तिल्ली प्रभावित
6. दालें टेलकॅम, एस्बेस्टॉस पाउडर गुर्दे में पथरी
7. वर्क एल्यूमिनियम पेट सम्बन्धित बीमारी
8. काली मिर्च पपीते के बीज स्वास्थ्य संबंधी
9. नमक मिट्टीध्रेत गले की बीमारी
10.चाय पत्ती लौह चूर्णध्रंग आहार तंत्र, पाचन तंत्र प्रभावित
11.मेवा अरारोट, चीनी स्वास्थ्य संबधी बीमारी
सर्वाधिक खतरनाक अनसेफ मामले होते हैं। सीएमएचओ की ओर से ये मामले न्यायालय तक भेजे जाते हैं। अनसेफ में तो सजा व जुर्माने दोनों का प्रावधान है।
पंकज मिड्डा, चीफ फूड एनालिस्ट, उदयपुर

—–
स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामले कोर्ट में भेजता है। प्रयास रहता है कि जल्द से जल्द सजा मिले, लेकिन यह निर्णय नियमानुसार ही होता है।
डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर

ट्रेंडिंग वीडियो