2013- सितम्बर 2014- 47- 2 2014- जुलाई 2016- 46- 1
2015- दिसम्बर 2016-43- 3 2016- सितम्बर 2017- 41-2
2017- मई 2019- 38- 3
भारत सरकार की ओर से जारी सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बुलेटिन, जो गणना वर्ष के दो वर्ष उपरान्त जारी किया जाता है, उसके अनुसार मातृ मृत्युदर में आई कमी का विवरण: गणना वर्ष- जारी वर्ष- मातृ मृत्युदर- मातृ मृत्युदर में गिरावट प्रति 1 लाख जीवित जन्म
2011-13- फ रवरी 2015- 244- 11
2015.17- नवम्बर 2019-186-13 —— ऐसे हुई मशक्कत…
राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन चिकित्सा महाविद्यालय एवं उनसे संबंधित चिकित्सालयों में कार्यशील गहन शिशु इकाई और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला, उप जिला, सैटेलाइट, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर के चिकित्सालयों में कार्यशील गहन शिशु इकाई का लाभ हुआ है।
—– यहां ये है शिशु गहन चिकित्सा इकाई
यहां है एनआईसीयू: (नियोनेटेल इंटेसिव केयर यूनिट)- नवजात शिशु को किसी भी कोई समस्या हो तो इसके लिए बनाए गए है। हाइपोथर्मिया, रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेच, अंडरवेट होने पर उपचार, प्री मेच्योर बेबी होने पर।
– जनाना अजमेर – बीकानेर मेडिकल कॉलेज
– जेके लोन जयपुर मेडिकल कॉलेज – महिला चिकित्सालय जयपुर 1
– जनाना हॉस्पिटल जयपुर – 1 – गणगौरी हॉस्पिटल जयपुर- 1
– मेडिकल कॉलेज झालावाड़-
– एमसीएच एमडीएम हॉस्पिटल – मेडिकल कॉलेज कोटा
– न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा – मेडिकल कॉलेज उदयपुर
– एम्स जोधपुर ——
एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट ) – एचबीके कावंटिया जयपुर-1
– आरडीबीपी जयपुरिया जयपुर-2
पीआईसीयू (पिडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) – जेके लॉन जयपुर
– मथुरादास माथुर चिकित्सालय जोधपुर – उम्मेद चिकित्सालय जोधपुर
– जेएलएन चिकित्सालय अजमेर – एमबीएम चिकित्सालय उदयपुर
– पीबीएम बीकानेर – जेके लोन कोटा
– नवीन चिकित्सालय कोटा
—– उदयपुर में ये है स्थिति
उदयपुर में दो एसएनसीयू यूनिट है, इसमें एक आरएनटी मेडिकल कॉलेज के बाल चिकित्सालय और एक अन्य सलूम्बर स्थित उप जिला चिकित्सालय में संचालित है। आरएनटी में 150 वार्मर बेड है। एमटीसी वार्ड यानी कुपोषण के लिए 20 पलंग होते हैं। एसएनसीयू की दो यूनिट, जिसे एनआईसीयू व पीआईसीयू कहते हैं। बाल चिकित्सालय में पीआईसीयू में 20 पलंग है।
– एसएनसीयू: प्रदेश में सभी जिलों के 46 केन्द्रों पर बनाए गए है। – एमटीसी यानी कुपोषण दूर करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत स्वीकृत एमटीसी में अजमेर, बीकानेर, जयपुर में 2, जोधपुर में 2, झालावाड़, कोटा और उदयपुर में बनाए गए हैं। प्रदेश में 31 केंद्र स्थापित है।
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डॉ. अशोक आदित्य, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी उदयपुर