सरकार ने कानून बनाने की धज्जियां उड़ा दी, कांग्रेस ने घोषणा पत्र में रखा, सीधे कराने के बड़े भाषण विस में दिए है और अब वापस लौटकर वहीं आए। हमने सोच समझकर निर्णय किया था कि चेयरमैन किसी दूसरी पार्टी का और पार्षद किसी अन्य पार्टी के ज्यादा आ जाते थे, ऐसे में बजट तक पास नहीं होते थे। कांग्रेस को ३७० का बुखार चढ़ गया, मारे जाएंगे इसलिए फैसला बदल दिया।
– गुलाबचंद कटारिया, विस में नेता प्रतिपक्ष
जनता के मन बात सुनी सरकार ने : मीणा
– गुलाबचंद कटारिया, विस में नेता प्रतिपक्ष
जनता के मन बात सुनी सरकार ने : मीणा
जनता जिसमें राजी है उसमें सरकार भी। पार्टी ने पहले जो फीडबैक आए उसके अनुसार फैसला किया और अब जनता के मन की बात पहुंची तो सरकार ने जनता को सर्वोपरी रखा। रही बात कटारिया के धारा ३७० की बात तो बताना चाहुंगा कि वे तो कुछ भी बोल देते है, वोट कुएं में डालने से लेकर अपने ही पार्षदों के नहीं आने पर कहां मर गए जैसे भाषा का उपयोग करते थे, हमारे यहां ऐसे संस्कार नहीं है।
– रघुवीर सिंह मीणा, पूर्व सांसद
पहले ही समझ लेती सरकार : श्रीमाली
हमारी सरकार ने पार्षद से चुनने की जो प्रकिया की वह सही थी और इस नई सरकार को पहले ही समझ लेना चाहिए था। अब वापस फैसला पलटा, पार्षद ही निकाय मुखिया को चुने क्योंकि इसके अच्छे परिणाम आएंगे और विकास में कोई बाधा नहीं आएगी।
– रवीन्द्र श्रीमाली, जिलाध्यक्ष भाजपा शहर
सरकार ने सोच समझ कर ही निर्णय किया है।
पहले सरकार ने जो परिस्थितियां सामने आई उसके अनुसार निर्णय किया और अब जनता के सुझाव जो आए उसको माना है। हम निगम चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है, हमने प्रभारी भी बना दिए है।
– गोपाल शर्मा, जिलाध्यक्ष शहर कांग्रेस
– गोपाल शर्मा, जिलाध्यक्ष शहर कांग्रेस