—- प्रभावशून्य ये है…
– २014 से 2018 तक नियम प्रक्रिया का उल्लंघन कर 24 खानें आवंटित किया जाना पाया गया। इन आवंटित खानों को राज्य सरकार द्वारा प्रभावशून्य घोषित किया गया। इसलिए अब जो आदेश जारी किए गए वह प्रभाव में नहीं रहेंगे।
– २014 से 2018 तक नियम प्रक्रिया का उल्लंघन कर 24 खानें आवंटित किया जाना पाया गया। इन आवंटित खानों को राज्य सरकार द्वारा प्रभावशून्य घोषित किया गया। इसलिए अब जो आदेश जारी किए गए वह प्रभाव में नहीं रहेंगे।
— ये हुई कार्रवाई – विभाग इसे भी अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है कि इन 24 प्रकरणों में से 5 में दोषियों को चिन्हित कर लिया गया। चिन्हित 5 प्रकरणों में से 2 में 3 कार्मिकों के विरूद्ध 16 सीसीए में कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई तो 2 प्रकरणों में दोषी को अलिखित चेतावनी जारी की गई। 1 प्रकरण में दोषी कार्मिक को स्पष्टीकरण हेतु नोटिस जारी किया गया। बचे हुए 19 प्रकरणों में दोषियों का चिन्हीकरण व उत्तरदायित्व निर्धारण करने की कार्यवाही चलना बताया जा रहा है।
—- क्वार्टज- फेल्सपार पर मची लूट सर्वाधिक खाने राजसमन्द में विभिन्न स्थानों रेवडि़यों की तरह बांटी गई। इसमें जमीन में दबे कीमती क्वार्टज व फेल्सपार पर नियमों को ताक में रखकर हाथ साफ किए गए। कुछ जगह बालक्ले व सिलिकासेंड, रेड ऑकर का भी खनन हुआ।
— राजसमन्द जिला: राजसमन्द में १९ खानों का आवंटन हुआ, जिसमें से अकेले चराणा में ही दस से अधिक खानों का नियम विरूद्ध आवंटन किया गया, जो सालों तक चला । थोरिया (०१), चराणा (१०), खंडेल (०३), सांसेरा, मंडियाना, सीसवी की ढाणी, सालोर और ढीली। (०५)- भरतपुर जिला: अलीपुर (०१) – बीकानेर: गंगापुरा, गुड़ा (०३)- अजमेर: खानपुरा (०१)
—- एेसे की कार्मिकों पर कार्रवाई-ये गड़बडि़यां- राजसमन्द में सुखदेव नेभनानी वरिष्ठ मानत्रिकार पर १६ सीसीए की कार्रवई की गई। उन्होंने क्षेत्र की रिक्तता से जुड़ी रिपोर्ट को गलत किया, साथ ही आवेदन पत्र व संविदा में हस्ताक्षर अलग-अलग थे। नोटिस का जवाब अन्य व्यक्ति ने दिया, सीमांकन प्रतिवेदन पर आवेदक से अलग व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। – भरतपुर में सहायक खनि अभियन्ता तेजपाल गुप्ता व नाकेदार लक्ष्मण प्रसाद पर १६ सीसीए की कार्रवाई की गई। जिसमें एमएमसीआर २०१७ में मिली शक्तियों से परे जाकर स्वीकृति दी, जल संसाधन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया।- बीकानेर में आरए