मेनार : एक्स-रे मशीन की कमी, विशेषज्ञों के पद रिक्त मेनार. मगनमल जेठाचंद पंचोलिया सामुदायिक चिकित्सालय मेनार क्रमोन्नति के छह वर्ष बाद भी जस का तस है। चिकित्सकों की कमी तो है ही वही रोग विशेषज्ञ का अभाव बना हुआ है। अस्पताल में सुविधाओं की कमी से मरीज परेशान है। वर्तमान में 3 डॉक्टर व 3 नर्सिंग स्टाफ है। 04 स्टाफ की है कमी है। जिससे किसी मरीज को भर्ती नहीं किया जा सकता है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद भी रिक्त है। साथ ही कनिष्ठ विशेषज्ञ गाइनिक, जनरल मेडिसन, जनरल सर्जरी , शिशु रोग विशेषज्ञों के सभी पद रिक्त है। एक्स-रे मशीन, अस्पताल में बेड, ऑपरेशन थियेटर, ईसीजी, सीबीसी मशीन आदि का भी अभाव है। महीने की ओपीडी औसतन करीब 3 हजार है। वही यहां महीने भर में औसतन 15 से 20 डिलेवरी होती है।
पहाड़ा : विभाग ने मनमर्जी से कर दी प्रतिनियुक्ति भाणदा. पहाड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से मेल नर्स ग्रेड द्वितीय की भुवाणा उदयपुर में प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जिससे रोगी परेशान है। हालांकि चिकित्सक उपस्थित रहते हैं मगर नर्स ग्रेड द्वितीय का पद खाली है।
कोटड़ा : एक चिकित्सक के भरोसे अस्पताल
कोटड़ा. आदिवासी बहुल कोटड़ा अस्पताल में खाट पर मरीज बिना बेड शीट इलाज कराने को मजबूर है। रोजाना 180 से 200 के लगभग ओपीडी है। एक डॉक्टर के भरोसे हॉस्पिटल चल रहा है। रेडियो ग्राफर का पद पिछले दो साल से रिक्त होने से एक्स-रे मशीन दो साल से बंद है। एक्सीडेंट केस की स्थिति में मरीजों को रैफर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कोटड़ा सीएचसी पर प्रतिदिन औसतन तीन से पांच गर्भवती महिलाएं आती है । गायनोलोजिस्ट का पद भी कई सालों से रिक्त है। यहां महिलाओं की डिलेवरी नर्स या मेल नर्स ही करवाते हैं।
वल्लभनगर : एक-एक चिकित्सक व एक कंपाउंडर के भरोसे भटेवर. वल्लभनगर में तहसील रोड स्थित अस्पताल में समस्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद मुख्य चिकित्साधिकारी, नर्स सहित कई पद है। यह अस्पताल एक चिकित्सक व एक कम्पाउण्डर के भरोसे है। अस्पताल में विभिन्न रोगो के जांच केन्द्र, एक्स-रे, नि:शुल्क दवा वितरण योजना एवं 50 बेड स्वीकृत है। आसपास के 50 गांवों से प्रतिदिन मरीज यहां उपचार करवाने आते हैं लेकिन कतार को देखकर उदयपुर में निजी अस्पतालों की ओर रुख कर लेते हैं। अस्पताल में गत वर्ष औसतन 300 मरीज नित्य आते थे लेकिन स्टाफ की कमी से ओपीडी मेें मरीजों की संख्या घटकर 225 हो गई है, वही आईपीडी मरीजों की संख्या औसतन 460 है।