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पुलिस से छिपते हुए घर जाना जरूरी है

locationउदयपुरPublished: Apr 01, 2020 06:46:08 pm

Submitted by:

surendra rao

गुजरात से आए श्रमिकों की व्यथा

The problem of workers from Gujarat

पुलिस से छिपते हुए घर जाना जरूरी है

उदयपुर.जावर माइंस. ‘साहब घर जाना है। हम पुलिस से बचते हुए गुजरात से यहां पहुंच गए हैंÓ केवड़ा चौेकी से एक किलामीटर दूर पुलिस की चेकिंग पार्टी को देखकर पिकअप में गुजरात से आए करीब २० दिहाड़ी मजदूरों का एक ही कहना है कि हम चार दिन से बिना खाना खाए बिना पैदल टीडी तक आए। टीडी से किराए की पिकअप की। उदयपुर से आगे सुखेर छोडऩे के लिए पिकअप वाला पुिलस से बचते हुए केवड़ा तक आ गया परन्तु केवड़ा चौकी पर नाकाबन्दी देख कर घबरा गए। उनकी जुबान पर एक ही बात थी कि घर जाकर मौत भी आ जाए तो कोई बात नही। आगुन्तकों की पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस मौके पर आती, उससे पूर्व वे ग्रामीण रास्तों से कही निकल ओर गए।
भीलवाड़ा के १९ श्रमिकों को दी राहत
लसाडिय़ा. क्षेत्र में सोप स्टोन फैक्ट्री में कार्य करने वाले १९ श्रमिकों को प्रशासन ने राहत सामग्री पहुंचाई। सूचना मिली कि ये श्रमिक कई दिनों से भूखे है। ओवरा सरपंच कमलचंद मीणा ने एक क्विंटल गेहूं पहुंचाए। सभी मजदूर भीलवाडा जिले के गंगापुर क्षेत्र के निवासी है। कोरोना निगरानी दल ने लसाडिय़ा उपखण्ड अधिकारी मोहर सिंह को जानकारी दी। उपखण्ड़ अधिकारी ने सरकार की तरफ से राहत सामग्री देने को कहा।
पारसोला(पस). लॉकडाउन के आठवें दिन मंगलवार को कस्बा पूरी तरह बन्द रहा। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए लोगों को कस्बे में आने-जाने नहीं दिया। स्थानीय जैन समाज की ओर से ग्राम पंचायत पारसोला क्षेत्र में राशन सामग्री के पैकेट वितरित किए गए।
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