scriptनमी कम होने पर कोरोना का खतरा बढ़ेगा | The risk of corona will increase if the humidity decreases | Patrika News

नमी कम होने पर कोरोना का खतरा बढ़ेगा

locationउदयपुरPublished: Jun 05, 2020 01:39:03 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– सिडनी और फूडान यूनिवर्सिटी की रिसर्च

नमी कम होने पर कोरोना का खतरा बढ़ेगा

नमी कम होने पर कोरोना का खतरा बढ़ेगा

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. कोरोना महामारी जैसे-जैसे पैर फै ला रही है, वैसे-वैसे दुनिया के तमाम देशों में इसे लेकर कई प्रयोग किए जा रहे हैं। सिडनी और शंघाई की फूडान यूनिवर्सिटी ऑफ पब्लिक हैल्थ की संयुक्त रिसर्च में सामने आया है कि जैसे-जैसे नमी कम होगी इसके मामले बढ़ सकते हैं। महामारी विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस और तापमान के बीच ये नया कनेक्शन तलाशा है। वायरस के आसपास नमी घटने पर वायरस के कण हल्के और बारीक हो जाते है, इसलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सिडनी यूनिवर्सिटी और शंघाई की फू डान यूनिवर्सिटी ऑफ पब्लिक हेल्थ की संयुक्त रिसर्च में यह सामने आया है।
—–
ऐसे हुई रिसर्च

पृथ्वी के उत्तरी गोलाद्र्ध वाले हिस्से में जब नमी कम होना शुरू होती है तो सतर्क रहना जरूरी है। सिडनी में कोविड-19 के 749 मरीजों पर 26 फ रवरी से 31 मार्च तक रिसर्च चली। शोधकर्ताओं ने मरीजों के आसपास मौसम केंद्र से स्थिति समझी। इस दौरान बारिश, नमी और जनवरी से मार्च के तापमान के आंक डे़ जुटाए गए। मरीजों की संख्या, मौसम और संक्रमण के अन्य पैरामीटर्स के एनालिसिस से सामने आया कि वायरस का संक्रमण फैलने में नमी अहम रोल अदा करती है।
—-
केस बढ़ा सकता है कम नमी वाला तापमान
ट्रांसबाउंड्री और इमर्जिंग डिसिसेज जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक चीन, यूरोप, उत्तरी अमेरिका में महामारी सर्दियों के दिनों में फैली। सर्दियों से भी ज्यादा अहम है कम नमी वाला तापमान। यह मामले बढ़ाने का काम कर सकता है।
—–
नमी घटने पर वायरस के कण छोटे हो जाते हैं

शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में तर्क दिया है कि जब नमी घटती है और हवा शुष्क होती है तो वायरस के कण और बारीक हो जाते हैं। इस दौरान किसी के छींकने या खांसने पर ये कण हवा में लम्बे समय में टिके रहते हैं। ये स्वस्थ लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं। वहीं, जब हवा में नमी बढ़ती है तो ये कण बडे़ और भारी होने के कारण नीचे गिर जाते हैं। कोविड-19 सर्दियों की मौसम बीमारी बन सकती है। अगर सर्दी का मौसम है इसके लक्षण दिखते हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है। शोधकर्ताओं का दावा है कि हांग-कांग में कोविड-19 और सउदी अरब में मेर्स के मामलों का जलवायु से कनेक्शन ढूंढ़ा गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो