scriptजनाना हॉस्पिटल का काम चार साल में भी नहीं हो पाया पूरा, कई हिस्सों में जैसे-तैसे कर रहे उपचार व भर्ती | The work of Janana Hospital could not be completed even in four years, | Patrika News

जनाना हॉस्पिटल का काम चार साल में भी नहीं हो पाया पूरा, कई हिस्सों में जैसे-तैसे कर रहे उपचार व भर्ती

locationउदयपुरPublished: Dec 05, 2021 10:41:13 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– – कही वार्ड तो कही ओपीडी – कई बार हो चुके है इधर-उधर

जनाना हॉस्पिटल का काम चार साल में भी नहीं हो पाया पूरा, कई हिस्सों में जैसे-तैसे कर रहे उपचार व भर्ती

जनाना हॉस्पिटल का काम चार साल में भी नहीं हो पाया पूरा, कई हिस्सों में जैसे-तैसे कर रहे उपचार व भर्ती

उदयपुर. पन्नाधाय राजकीय जनाना हॉस्पिटल का काम चार साल में भी पूरा नहीं हो पाया। आईआइटी रूडक़ी की रिपोर्ट के बाद केन्द्र सरकार की ओर से जारी तीन करोड़ का बजट गुजरात की कंपनी को देने के बाद भी काम अब तक अधूरा है। एेसे में जनाना हॉस्पिटल में आने वाली प्रसूताओं, परिजनों से लेकर डॉक्टर्स व स्टाफ तक परेशान है। पूरा हॉस्पिटल जैसे-तैसे यहां-वहां जुगाड़ से चलाया जा रहा है। दूसरी ओर एनएचएम की दलील है कि बजट की कमी नहीं है, तो गुजरात की कंपनी काम में देरी पर देरी कर रही है। एनएचएम ये बताने के लिए तैयार नहीं है कि इसे पूर्ण करने की क्या तिथि दी गई थी। नियमानुसार तय तिथि के बाद काम पूर्ण करने पर कंपनी से तय राशि की कटौती की जाती है, हालांकि कोरोना के कारण इसमें ढील देने की बात कही जा रही है।
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कुल राशि ३ करोड़ ६० लाख….- गुजरात की उस्ता इन्फिनिटी कंपनी (हेरिटेज कार्य करने वाली) के काम की कुल राशि ३ करोड़ साठ लाख रुपए बन रही है, इसमें से तीन करोड़ रुपए का भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम ने कर दिया है तो करीब ६० लाख रुपए का बजट एनएचएम के पास उपलब्ध है, जैसे-जैसे कंपनी कार्य पूर्ण करेगी, राशि दे दी जाएगी। २०१८-१९ में इस भवन का कार्य शुरू हुआ है, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
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ये कैसे इंजीनियर्स– पुराना भवन जर्जर होने के बाद भी इस भवन पर बिना सोचे समझे पूरा नया भवन बना दिया गया, एेसे में भवन के नीचे के हिस्से में दरारे आ गई, लेकिन अब तक ऊपरी हिस्से में बिना नियम परखे जाने व बिना किसी पूर्व तैयारी के भवन बनाने वाले इंजीनियर्स से सरकार ने राशि तक नहीं वसूली है।
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यहां-यहां चल रहा है जनाना अस्पताल: – जनाना हॉस्पिटल अभी ओपीडी दो जगह चल रहर है, जिसमें ब्लड बैंक के समीप, जहां गर्भवती महिलाओं की जांच, की जा रही। दूसरी ओपीडी पीएमआर के आउटडोर में चल रही, जो गायनी ओपीडी है, जहां माहवारी से जुड़ी समस्याओं का उपचार हो रहा है। – वार्ड – एक्जाइमिनेशन हॉल- प्राचार्य कार्यालय के पीछे चार मंजिला में से तीन में वार्ड चल रहा है, एक फ्लोर पर ऑफिस- जनाना कोटेज में एक वार्ड चल रहा है, उससे अटैच मुख्य भवन के पीछे दो वार्ड संचालित है। – एमबी में आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर चल रहा है, तो कैंसर वार्ड के ऊपरी हिस्से में भी वार्ड है। – पीएमआर के पहले फ्लोर पर दो वार्ड चलाए जा रहे हैं।
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एक राउण्ड भी तीन घंटों में पूरा होता है मरीजों को परेशानी तो हो रही है, साथ ही चिकित्सक को एक बार सभी वार्डों के राउण्ड करने में ढाई से तीन घंटे लग रहे हैं। यहां प्रतिदिन ५०० से ६०० की ओपीडी हो रही है, तो आईपीडी गायनिक व अन्य मिलाकर करीब १०० पेशेन्ट रहते हैं। अब हमें हमारे मूल भवन की बेहद ज्यादा जरूरत है।
डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक पन्नाधाय राजकीय जनाना हॉस्पिटल उदयपुर

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दीपावली के बाद कंपनी के कार्मिक नहीं लौटे दीपावली पर कंपनी के कार्मिक छुट्टी पर गए थे, अब तक लौटे नहीं है। हमने सिंगल कंपनी होने के कारण बचे काम का री टेंडर किया था। जल्द ही काम शुरू करेंगे। कंपनी को अब केवल ६० लाख रुपए ही देने हैं।
बाबुलाल माली, एक्सइएन एनएचएम उदयपुर

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