एडवोकेट परमानद मेहता के कार्यालय में घुसकर सामान बिखरते हुए दस हजार रुपए नकद निकाल लिए। कार्यालय में मेहता के भतीजे और आसपुर न्यायालय सहायक अभियोजन अधिकारी गजेन्द्रप्रकाश मेहता से सोने की चेन छीनने लगे। गजेन्द्र ने चेन पकड़ ली। ऐसे में उचक्कों ने मारपीट शुरू कर दी। हो हल्ला मचने पर गांव में जाग हो गया। मौके पर पहुंचे लोगों ने दो उचक्कों को दबोच लिया। दोनों साथियों को छुड़ाने के लिए अन्य उचक्के ग्रामीणों के सामने हो गए। धारदार हथियार और सरिये लहराने लगे।
ग्रामीणों पर पत्थर बरसाने लगे। घबराकर पीछे हटे ग्रामीणों से दोनों उचक्कों को मुक्त करा लिया। एक उचक्का ऊपरी मंजिल से कूदकर भागने लगा। पैर में चोट लगने से भाग नहीं पाया। उसे ग्रामीणों ने दबोचा तो उचक्के फिर लौटे। साथी को छुड़ाने के लिए पत्थर फेंकने लगे। आखिर ग्रामीणों की संख्या बढ़ती देख नाकाम रहे आरोपी भाग गए। दबोचे गए आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया। उचक्कों से संघर्ष करने में लक्ष्मण मेहता, मणिलाल मेहता, संजय मेहता, योगेश मेहता आगे रहे। सूचना पर सलूम्बर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे। एडवोकेट परमानन्द के पुत्र चन्द्र शेखर ने मामला दर्ज कराया।
घटना को लेकर ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। हालात जानने पूर्व सांसद रघुवीर मीणा भी गांव में पहुंचे।