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वारदात देबारी के बांका दरवाजा स्थित एसएम टाया आई हॉस्पिटल परिसर स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुई। अस्पताल में मरीजों के बीच चोर दर्शन के बहाने मंदिर में घुसा। तब कोई नहीं था। चोर ने मौका ताड़कर आदिनाथ भगवान की पीतल की प्रतिमा चुरा ली। करीब 8 किलो वजनी व 9 इंची प्रतिमा 17 साल पहले मंदिर की स्थापना के समय स्थापित की गई थी। चोरी हुई प्रतिमा के पास पीतल व पाषाण की भगवान पाश्र्वनाथ की दो छोटी व बड़ी प्रतिमाएं भी थीं। ये सुरक्षित हैं। शाम 5 बजे पुजारी भगवतीलाल नागदा मंदिर पहुंचा तो प्रतिमा चोरी का पता चला। उसने ट्रस्टी झमकलाल व महेन्द्र टाया को सूचना दी। ट्रस्टियों की इत्तला पर प्रतापनगर थाने से पुलिस पहुंची।
वारदात देबारी के बांका दरवाजा स्थित एसएम टाया आई हॉस्पिटल परिसर स्थित पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुई। अस्पताल में मरीजों के बीच चोर दर्शन के बहाने मंदिर में घुसा। तब कोई नहीं था। चोर ने मौका ताड़कर आदिनाथ भगवान की पीतल की प्रतिमा चुरा ली। करीब 8 किलो वजनी व 9 इंची प्रतिमा 17 साल पहले मंदिर की स्थापना के समय स्थापित की गई थी। चोरी हुई प्रतिमा के पास पीतल व पाषाण की भगवान पाश्र्वनाथ की दो छोटी व बड़ी प्रतिमाएं भी थीं। ये सुरक्षित हैं। शाम 5 बजे पुजारी भगवतीलाल नागदा मंदिर पहुंचा तो प्रतिमा चोरी का पता चला। उसने ट्रस्टी झमकलाल व महेन्द्र टाया को सूचना दी। ट्रस्टियों की इत्तला पर प्रतापनगर थाने से पुलिस पहुंची।
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मंदिर व अस्पताल परिसर में सुरक्षा के लिए सायरन सिस्टम लगा रखा है, लेकिन इसे सिर्फ रात के समय चालू किया जाता है। बताया गया कि 10 दिन पहले भी चोर रात दो बजे मंदिर में घुस आए थे। सायरन बजने से भाग खड़े हुए। पुलिस का मानना है कि चोरों को सायरन सिस्टम का पता था। इसलिए उन्होंने इस बार मरीजों की भीड़ के बीच दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दिया।
मंदिर व अस्पताल परिसर में सुरक्षा के लिए सायरन सिस्टम लगा रखा है, लेकिन इसे सिर्फ रात के समय चालू किया जाता है। बताया गया कि 10 दिन पहले भी चोर रात दो बजे मंदिर में घुस आए थे। सायरन बजने से भाग खड़े हुए। पुलिस का मानना है कि चोरों को सायरन सिस्टम का पता था। इसलिए उन्होंने इस बार मरीजों की भीड़ के बीच दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दिया।