ताला टूटा होने पर पता चला
आरसीए कॉलेज के सूत्रकृमि विभागाध्यक्ष मेगेन्द्रसिंह ने रिपोर्ट दी कि बुधवार सुबह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भगवतीलाल माली ने विभाग का ताला खोला तो केज हाउस की जाली हॉल मिला। अंदर जाकर देखने पर वहां ताला टूटा था। उसी समय कर्मचारी डॉ.हेमेन्द्र कुमार शर्मा व असीम शंकर भी आ गए। तीनों ने अंदर जाकर देखा तो वहां रखी पीतल की ऑटोक्लेव मशीन नदारद थी। मिट्टी के माप द्वारा निर्जभीकृत की जाने वाली इस मशीन को वहां घसीटकर बाहर ले जाने के निशान मिले। सूचना पर विभागाध्यक्ष व डीन डॉ. अरुणाय जोशी भी पहुंचे। उनकी सूचना पर पुलिस ने मौका मुआयना कर मामला दर्ज किया।
मशीन बेचते आरोपितों को दबोचा
सीआई आदर्श कुमार ने बताया कि एएसआई दरियावसिंह, हेडकांस्टेबल शरीफ खांं, ओमप्रकाश, कांस्टेबल भूपेन्द्रसिंह ने कई संदिग्ध व चालानशुदा अपराधियों से पूछताछ की तो कुछ महिलाओं द्वारा एक टेम्पो में मशीन लेकर घूमने व बेचने की सूचना मिली। पुलिस ने घेराबंदी कर पांचों महिलाओं को गिरफ्तार कर मशीन बरामद की।
सीआई आदर्श कुमार ने बताया कि एएसआई दरियावसिंह, हेडकांस्टेबल शरीफ खांं, ओमप्रकाश, कांस्टेबल भूपेन्द्रसिंह ने कई संदिग्ध व चालानशुदा अपराधियों से पूछताछ की तो कुछ महिलाओं द्वारा एक टेम्पो में मशीन लेकर घूमने व बेचने की सूचना मिली। पुलिस ने घेराबंदी कर पांचों महिलाओं को गिरफ्तार कर मशीन बरामद की।
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कोटड़ा. थाना क्षेत्र के मामेर में सोमवार को हुए हादसे में मरे भाई-बहन को आखिर बुधवार शाम अंतिम संस्कार नसीब हुआ। इससे पहले 48 घंटों तक दोनों शव आंगन में पड़े थे और दोनों पक्षों में मौताणे की मांग पर सौदेबाजी चल रही थी। मंगलवार शाम तक दोनों पक्षों में बात नहीं बनी थी। बुधवार सुबह बातचीत का दौर फिर शुरू हुआ। देर शाम 8 लाख रुपए पर सहमति बनी। दोनों पक्षों की सहमति के बाद शाम 5 बजे दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले एक पक्ष की ओर से मृतक पक्ष को 1 लाख रुपए नकद दिए गए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को मामेर में लगे मेले से लौटते समय हुई दुर्घटना में भाई-बहन की मौत हो गई थी। दो दिन तक शव घर के बाहर खुले में पड़े रहे। परिजनों की ओर से सोमवार को शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद आंगन में लाकर रख दिया। दो दिन तक समझौता वार्ता चली। बात 40 लाख से शुरू हुई, जो आठ लाख पर आकर रुकी।
कोटड़ा. थाना क्षेत्र के मामेर में सोमवार को हुए हादसे में मरे भाई-बहन को आखिर बुधवार शाम अंतिम संस्कार नसीब हुआ। इससे पहले 48 घंटों तक दोनों शव आंगन में पड़े थे और दोनों पक्षों में मौताणे की मांग पर सौदेबाजी चल रही थी। मंगलवार शाम तक दोनों पक्षों में बात नहीं बनी थी। बुधवार सुबह बातचीत का दौर फिर शुरू हुआ। देर शाम 8 लाख रुपए पर सहमति बनी। दोनों पक्षों की सहमति के बाद शाम 5 बजे दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले एक पक्ष की ओर से मृतक पक्ष को 1 लाख रुपए नकद दिए गए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को मामेर में लगे मेले से लौटते समय हुई दुर्घटना में भाई-बहन की मौत हो गई थी। दो दिन तक शव घर के बाहर खुले में पड़े रहे। परिजनों की ओर से सोमवार को शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद आंगन में लाकर रख दिया। दो दिन तक समझौता वार्ता चली। बात 40 लाख से शुरू हुई, जो आठ लाख पर आकर रुकी।