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पैंथर है या इच्छाधारी, पल में हो जाता ‘गायब’

locationउदयपुरPublished: Aug 09, 2019 03:12:12 am

Submitted by:

Pankaj

अब किकावास में पैंथर का हमला, बदला क्षेत्र, वन विभाग की पकड़ से दूर है

Then the leopard came to the village

पैंथर है या इच्छाधारी, पल में हो जाता ‘गायब’

भटेवर . वल्लभनगर उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत किकावास में बुधवार रात को पैंथर ने एक गोवंश को शिकार बना लिया। इससे पहले रुंडेड़ा और आसपास के क्षेत्र में पैंथर का आतंक बना हुआ था।
वन विभाग के अनुसार पैंथर बिती रात को किकावास गांव के मांगीलाल डांगी के बाड़े में गाय का शिकार किया। पैंथर लगातार क्षेत्र बदल रहा है। समीपवर्ती गांवों में आतंक बना हुआ है। पैंथर को पकडऩे के लिए वन विभाग की ओर से अभी तक किए गए हर प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। पिंजरे में पैंथर नहीं आया है। जिससे आस पास के गांवों के लोग दहशत में है। किकावास में पैंथर का शिकार करने के बाद क्षेत्रीय वन अधिकारी सोमेश्वर त्रिवेदी, मांगीलाल डांगी सहित उदयपुर, देबारी, भीण्डर वन नाका से अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने पैैंथर के पगमार्क और मूवमेंट को लेकर खेतों में तलाशी की। गुरुवार देर शाम उदयपुर से शूटर सतनामसिंह और टीम मौके पर पहुंची। शाम तक नवानिया रोड, नहर, किकावास गांव सहित खेतों में पैंथर को तलाशने में जुटे रहे, लेकिन पैंथर अभी तक पकड़ में नहीं आया है।
ग्रामीणों में भय की स्थिति

खरसाण . पिछले 15 दिन से पैंथर ने वल्लभनगर तहसील के रूंडेड़ा सहित आधा दर्जन गांवों में दहशत बना रखी है। अभी तक पैंथर ने एक दर्जन मवेशियों का शिकार किया है। पैंथर अभी पकड़ से दूर है। वन विभाग ने अभी तक ३ पिंजरे लगा दिए है, दो पिजरे रुंडेड़ा में व एक पिंजरा नवानिया में लगाया है। सरपंच कंचन डांगी ने कहा कि घटना होने पर वन विभाग को सूचित किया। पिंजरा लगाने के लिए कहा है। नवानिया के पूर्व सरपंच नानालाल जणवा ने कहा कि आधा दर्जन गांवों में पैंथर की दहशत है। गश्त बढ़ाकर पैंथर को तुरन्त पकड़ा जाना चाहिए। रुंडेड़ा सरपंच शांता किशन मेनारिया ने कहा कि रूंडेड़ा सहित क्षेत्र के गांवों में पैंथर का भय बना हुआ है।
दो सप्ताह से चकमा दे रहा पैंथर
मेनार क्षेत्र में पैंथर और वन कार्मिकों के बीच लुका छिपी का खेल लगातार 2 सप्ताह बाद गुरुवार को भी जारी रहा। विभाग द्वारा घटनास्थल क्षेत्र के आस पास के इलाकों में लगाएं गए पिंजरे की पकड़ से पैंथर दूर रहा। दिनभर सर्च अभियान में जुटी टीम ने रुंडेड़ा इलाके में मुख्य नहर के आस पास इलाके को 2 किलोमीटर तक छान मारा, जहां पैंथर की हलचल के सबूत मिले। रुंडेड़ा, नवानिया, तारावट, किकावास, छपरा में पैंथर की दहशत है।
जावड़ में भी पैंथर का आतंक

मावली तहसील क्षेत्र की जावड़ ग्राम पंचायत में भी पैंथर का आतंक है। जावड़ गांव में बुधवार रात को पैंथर ने भैंस का शिकार किया। जावड़ निवाासी शंकरदास वैरागी के बाड़े में पैंथर ने भैंस का शिकार किया। पूर्व पंचायत समिति रामलाल व्यास सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सरपंच प्रतिनिधि पप्पूसिंह कितावत को सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। ग्रामवासियों ने पिंजरा लगवाने की मांग की है।
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