scriptइस हॉस्पिटल में यूँ होते है दवा के घोटाले:ग़रीबों के पेट पर लात मार भरते है पेट | There are vaccines in this hospital: drug scam: kills poor people stom | Patrika News

इस हॉस्पिटल में यूँ होते है दवा के घोटाले:ग़रीबों के पेट पर लात मार भरते है पेट

locationउदयपुरPublished: Mar 17, 2019 12:28:49 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: कई वर्षों से हो रही है गड़बड़
दवा घोटाला: मैसर्स सीडी डिस्ट्रीब्यूटर्स ब्लैक लिस्टेड
कार्मिकों से लेकर अधिकारियों की मिलीभगत सेइंकार नहीं

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: कई वर्षों से हो रही है गड़बड़

महाराणा भूपाल हॉस्पिटल: कई वर्षों से हो रही है गड़बड़

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में तय दवा की आपूर्ति नहीं करने और दवा बिलों में हेरफेर कर बिल प्रस्तुत करने जैसे घोटालों का खुलासा हुआ है. इस पर चिकित्सालय प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए टेंडर फर्म मैसर्स सीडी डिस्ट्रीब्यूटर्स और उसके पार्टनर सुरेन्द्र गोदावत को चिकित्सालय की वर्तमान व भविष्य में होने वाली सभी निविदाओं से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. साथ ही फर्म से क्रय की जाने वाली सभी दवा व अन्य सामग्री के अनुबंध को निरस्त कर दिया है.
सीडी डिस्ट्रीब्यूटर, उदयपुर से इंजेक्शन एन्टी थायमोसेट ग्लोबुलिन (एटीजी -२५०) की वायल्स की तीन बार अलग-अलग क्रय आदेश से मांग की गई. इस पर फर्म ने इंजेक्शन एटीजी -२५० की आपूर्ति की और तीनों बार बिल इंजेक्शन इम्यूनोग्लोबुलिन पांच ग्राम के प्रस्तुत किए. इसे लेकर उनसे कारण पूछा गया तो फर्म ने जान- बूझकर पहले बिल में हाथ से इम्यूनोग्लोबुलिन के नीचे एटीजी अंकित कर दिया.
अगले दो बिलों में इंजेक्शन इम्यूनोग्लोबुलिन के आगे एटीजी टाइप कर भुगतान के लिए प्रस्तुत किए. ये बिल आपूर्ति किए गए इंजेक्शन एटीजी के नहीं होकर इंजेक्शन आईवी इंजेक्शन इम्यूनोग्लोबुलिन की दर लगाकर प्रस्तुत किए. इंजेक्शन एन्टी थायमोसेट ग्लोबुलिन (एटीजी -२५०) की अनुमोदित दर नहीं होने से उक्त आइटम नियमानुसार एमआरपी डिस्काउंट की निविदा के आधार पर ६२.९० प्रतिशत एमआरपी डिस्काउंट देकर बिल प्रस्तुत करना था, लेकिन फर्म ने जान-बूझकर इंजेक्शन एटीजी की जगह अधिक राशि का इम्यूनोग्लोबुलिन पांच एमजी का गलत बिल प्रस्तुत किया गया. इसे लेकर कमेटी का गठन किया गया, जिसमें सामने आया कि ७७.१८७ रुपए अधिक का भुगतान कर दिया गया, जिसकी वसूली के आदेश दिए गए. ऐसे कई अन्य मामले भी सामने आने पर यह निर्णय किया गया.
फर्म के पार्टनर सुरेन्द्र गोदावत को अधीक्षक कार्यालय की आवक- जावक शाखा में दवाइयों की निविदा में आए एक अन्य फर्म का लिफाफा फाड़ते हुए पाया गया, जिससे पूरी निविदा निरस्त करनी पड़ी, इसे लेकर हाथीपोल थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए भी लिखा गया.
& इस तरह गलत बिल प्रस्तुत करने और कार्डियोलॉजी विभाग में भी धोखाधड़ी सामने आने को लेकर यह निर्णय किया गया है. फर्म सीडी डिस्ट्रीब्यूटर और पार्टनर सुरेन्द्र गोदावत को ब्लैक लिस्टेड किया गया है.
डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक महाराणा भूपाल हॉस्पिटल उदयपुर
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