बाजार से थर्मल थर्मामीटर गायब, गांवों में एक भी नहीं, जांच की बढ़ेगी चुनौती
थर्मल गन

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. कोरोना संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाली तापमापी यंत्र विभाग के पास इतने ही नहीं है जितनी जरूरत है, खास बात ये है कि विभाग ने भले ही गांवों की पीएचसी व सीएचसी में इसे खरीदने के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन चिकित्सकों के सामने इसकी व्यवस्था करना बड़ी परेशानी बनकर उभरा है। कई निजी संस्थानों ने अपने स्तर पर इसकी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन उदयपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को तो छोड़ो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी नहीं है।
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ये है हाल बाजार में किसी भी मेडिकल स्टोर्स या किसी थोक मेडिकल व्यवसायी के यहां भी ये थर्मल गन उपलब्ध नहीं है, जबकि विभाग ने इसे खरीदने के आदेश जारी किए हैं, हालात ये है कि चिकित्सक यहां फेरे लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें सबके सब केमिस्ट ना में सिर हिला रहे हैं।
----इसलिए जरूरी थर्मल गन इसलिए जरूरी है ताकि किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज के तापमान की जांच दूर से की जा सके, क्योंकि यदि एेसे व्यक्ति की जांच यदि तय दूरी से नहीं होगी तो जांच करने वाला खुद ही संक्रमित हो जाएगा। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी गाइड लाइन है कि थर्मल गन से ही कोरोना की जांच की जाए।
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केवल ऑनलाइन उपलब्ध विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है कि थर्मल गन बाजार से गायब है, कुछ चिकित्सकों ने जरूर विभाग को इसकी सूचना दी है, लेकिन चिकित्सा विभाग बिना गंभीरता के बैठा है, अब तक उसकी कान पर जू नहीं रेंगी। थर्मल गन केवल ऑनलाइन उपलब्ध है। इसकी कीमत ऑनलाइन कीमत २५०० से लेकर १३ हजार रुपए तक दिखाई गई है।
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ये खतरनाक गांवों में अभी भी किसी भी मरीज का तापमान लेने के लिए कांच वाले थर्मामीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे मुंह में डालकर जांच की जाती है, एेसे में एक मरीज का संक्रमण आसानी से दूसरे मरीज को हो सकता है।
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सभी को थर्मल गन खरीदने के निर्देश दिए गए है, कोई परेशानी हो तो तत्काल दिखवाते हैं। डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर
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